मटसेना प्रकरण: हत्यारोपित को कोर्ट ने भेजा जेल, जेल ने अस्पताल
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: एक साल पुराने हत्याकांड में खुद की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को हत्यारोपित के धरने के बाद मंगलवार को मटसेना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा। जेल में दाखिल किए जाने के बाद चिकित्सीय परीक्षण के बाद मंथन चलता रहा। बाद में उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जेल के बाद तीन घंटे तक इंतजार करने वाली मटसेना पुलिस उसे अस्पताल ले गई।
मटसेना थाना क्षेत्र के नरगापुर में पिछले वर्ष 16 मई को धर्मेंद्र कुमार यादव और जितेंद्र उर्फ मुखिया यादव पक्ष के बीच मारपीट और फायरिंग हुई थी, जिसमें धर्मेंद्र पक्ष की सुशीला देवी की गोली लगने से मौत हो गयी थी। दूसरे पक्ष के सुग्रीव, बलराम और उमाशंकर गोली लगने से घायल हुए थे। सुग्रीव ने दूसरे पक्ष के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। घायल सुग्रीव को रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से उसके कमर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। इस कारण पुलिस ने सुग्रीव की गिरफ्तारी नहीं की और न ही बयान दर्ज किए।
सोमवार को स्वजन के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचकर सुग्रीव ने अपनी गिरफ्तारी के लिए धरना दिया था। मंगलवार सुबह करीब 11 बजे मटसेना थाने की पुलिस ने उसे घर से गिरफ्तार कर लिया। डाक्टरी परीक्षण कराने के बाद उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेजा गया। शाम को पुलिस टीम उसे जेल लेकर पहुंची। सुग्रीव की हालत देखकर जेल प्रशासन ने उसे दाखिल तो कर लिया, लेकिन पुलिस टीम को रोके रखा। जेल अस्पताल में डाक्टर ने सुग्रीव का परीक्षण किया, जिसमें उसकी स्थिति ठीक नहीं पाई गई। इसके बाद जेल से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराए जाने के लिए रेफर कर दिया। वहीं आरोपित के अधिवक्ता धर्म सिंह यादव का कहना है कि संघर्ष के दौरान गोली लगने से घायल सुग्रीव शारीरिक रूप से अक्षम हो गया। पुलिस उसके बयान दर्ज कर शारीरिक स्थिति को देखते हुए जेल से जमानत दे सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जो गलत है।
‘कोर्ट के आदेश पर सुग्रीव नाम के युवक को जेल में दाखिल किया गया, लेकिन उसकी शारीरिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए उसे पुलिस अभिरक्षा में जिला अस्पताल भिजवाया गया है। ताकि उसका ठीक उपचार हो सके।’ एके सिंह, जेल अधीक्षक