शाखा प्रबंधक ने हड़प ली ग्रामीण के लोन की रकम
ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त की खैरगढ़ शाखा में ग्रामीण से धोखाधड़ी की गई। ग्रामीण ने एक लाख रुपये का लोन लिया था। पचास हजार की धनराशि उसके खाते में चली गई। उसकी रिकवरी भी निकाल दी गई। डीएम ने जांच कराई तो आरोप सही पाए गए।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त की खैरगढ़ शाखा में ग्रामीण से धोखाधड़ी हो गई। ग्रामीण ने 50 हजार रुपये का लोन मांगा था, लेकिन बैंक ने एक लाख रुपये मंजूर कर दिए लेकिन यह धनराशि ग्रामीण को नहीं मिली बल्कि 50 हजार रुपये दूसरे खाते में डाले दिए गए। पीड़ित ने शाखा प्रबंधक पर रकम हड़पने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
थाना खैरगढ़ के गांव लालई निवासी रामबाबू ने मई 2016 में ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यवर्त की खैरगढ़ शाखा से 50 हजार रुपये का लोन परचून की दुकान खोलने के लिए लिया था। उसमें से उसने 49 हजार रुपये निकालकर काम चालू कर दिया। कुछ दिनों बाद जब वह किश्त जमा करने गया तो वहां उसे पता चला कि उसके नाम पर एक लाख रुपये का लोन दर्ज है। इससे रामबाबू घबरा गया और किश्त जमा किए बिना ही वापस लौट आया। घर आकर परिजनों को पूरी बात बताई। अगले दिन शाखा प्रबंधक राजेश कुमार त्रिपाठी से मिला तो उन्होंने बताया 50 हजार रुपये गलती से दूसरे खाते में चले गए हैं। वह उसे वापस खाते में जमा करा देंगे। लेकिन , अब तक पैसा वापस नहीं आया।
डीएम की जांच में आरोप साबित: परेशान किसान ने डीएम ने से लेकर अन्य अधिकारियों से गुहार लगाई। इसके बाद डीएम ने एलडीएम को मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में किसान का आरोप सही पाया गया। इसके साथ ही मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई के संस्तुति भी हुई। मामला फंसने के बाद बैंक मैनेजर ने किसान की 50 हजार की रिकवरी निकाल दी।
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आरोपी शाखा प्रबंधक राजेश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि क्लर्क की गलती से 50 हजार रुपये दूसरे खाते में चले गए थे, जो वापस करा दिए गए हैं। लोन की राशि जमा न किए जाने पर 50 हजार की रिकवरी निकाली गई है। बाकी आरोप झूठे हैं।