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68 दिनों बाद गोमती एक्सप्रेस से टूटा स्टेशनों का सन्नाटा

68 दिनों बाद गोमती एक्सप्रेस से टूटा स्टेशनों का सन्नाटा

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 11:19 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:07 AM (IST)
68 दिनों बाद गोमती एक्सप्रेस से टूटा स्टेशनों का सन्नाटा
68 दिनों बाद गोमती एक्सप्रेस से टूटा स्टेशनों का सन्नाटा

जेएनएन, फीरोजाबाद: यात्रीगण कृपया ध्यान दें.। लखनऊ से चलकर टूंडला-अलीगढ़, खुर्जा के रास्ते.दिल्ली तक जाने वाली गाड़ी संख्या 12419 गोमती एक्सप्रेस कुछ ही देर में प्लेट फार्म नंबर तीन पर आ रही हैं। यात्री शारीरिक दूरी का ध्यान रखें। फीरोजाबाद के साथ ही शिकोहाबाद और टूंडला रेलवे स्टेशन पर ये सूचना 68 दिन बाद सुनाई दी। एक तरफ रेलवे स्टेशनों का सन्नाटा टूटा तो दूसरी तरफ रोडवेज बस स्टैंड से बसें रवाना की गईं। अनलॉक-वन के पहले दिन चार बसें ही रवाना हुई। वहीं केवल एक ट्रेन आई।

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लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली गोमती एक्सप्रेस फीरोजाबाद पहुंचने वाली पहली ट्रेन थी। 10.40 बजे शिकोहाबाद स्टेशन पर पहुंची गोमती एक्सप्रेस से 12 यात्री उतरे, जबकि 113 यात्री सवार हुए। स्टेशन अधीक्षक रमेश लाल मीणा के अलावा तहसीलदार सत्यप्रकाश तथा जीआरपी के अधिकारी लेखपाल व्यवस्था में लगाए गए थे। फीरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर आधा घंटे से देरी से पहुंची गोमती एक्सप्रेस पहुंची। वहीं टूंडला स्टेशन पर बड़ी तैयारियां की गई थीं। पानी लेने के लिए भी टोटी पर पैरों वाली मशीन लगी थी। यात्रियों के सामान को भी सैनिटाइज किया जा रहा था। रेल अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी स्टेशन परिसर में मौजूद रहे। यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर दो पर बनाए गए गोलों में खड़ा किया गया था। गोमती एक्सप्रेस दोपहर करीब सवा बारह बजे प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची। ट्रेन में करीब 180 यात्री सवार हुए। इसके साथ ही कानपुर व लखनऊ से आने वाले 86 यात्री टूंडला स्टेशन पर उतरे। बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए होम क्वारंटाइन की सलाह दी जा रही थी। इस दौरान डीटीएम समर्थ गुप्ता, तहसीलदार डॉ.गजेन्द्र पाल सिंह, राकेश ग्रोवर, आरपीएफ इंस्पेक्टर अमित यादव, जीआरपी इंस्पेक्टर एसके पौनियां आदि मौजूद। -- महानंदा और अवध एक्सप्रेस रहीं निरस्त

एक जून से चलने वाली ट्रेनों महानंदा और अवध एक्सप्रेस भी आना थी, लेकिन दोनों नहीं आईं। वहीं दिल्ली से लौटने वाली गोमती भी निरस्त हो गई। -नहीं खुली टिकट खिड़की, आरक्षण पर थी लाइन

आरक्षण वाले यात्रियों को ही स्टेशन पर प्रवेश दिया जा रहा था। इसलिए सामान्य टिकट घर बंद ही रहा। यात्रियों के अलावा किसी को भी स्टेशन पर जाने की अनुमति नहीं थी। सोमवार को पांच दर्जन से अधिक लोगों ने आरक्षण कराए। आरक्षण कराने वालों में अधिकांश ऐसे थे, जो लॉकडाउन में नौकरी से घर वापस आ गए थे। अब काम शुरु हो गया है तो वह भी काम पर लौट जाना चाहते हैं। - रोडवेज बस स्टैंड पर रही सतर्कता शिकोहाबाद डिपो से सुबह 11 बजे चार बसें विभिन्न नोएडा, कौशाम्बी, आगरा और इटावा के लिए रवाना की गईं। बस स्टैंड के दोनों गेट बंद कर दिए गए थे। वहीं यात्रियों के लिए बाहर से अलग गेट बनाया गया था। एक कर्मचारी यात्रियों को थर्मल स्केनिग कर उनका पूरा ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज कर रहा था। शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए एक बस में अधिकतम 26 यात्री बैठाए गए। एआरएम राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि पहले दिन चार बसें रवाना की गई हैं। यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ बसें बढ़ाई जाएगी।

--शाहदरा दिल्ली निवासी सुभाष बौद्ध कहते हैं कि वह आगरा में शिक्षा विभाग में नौकरी करते हैं। लॉक डाउन से पहले मां वीरवती उनके पास आ गई थी। लॉक डाउन के चलते वापस नहीं लौट सकीं। अब ट्रेन शुरु हो गई है तो उन्हें दिल्ली छोड़ने जा रहे हैं। - टूंडला स्टेशन पर उतरीं आगरा निवासी मनी मल्होत्रा ने बताया कि कानपुर में मां के साथ छुट्टी बिताने गई 18 मार्च को गए थे, उसके बाद लॉक डाउन में फंस गए। कोई साधन नहीं मिला, मजबूरी में रुकना पड़ा। रास्ते में कोई परेशानी नहीं हुई है। घर आकर बहुत अच्छा लग रहा है। - रांची में भट्ठे पर काम करने वाले आगरा निवासी इरफान कहते है कि लॉक डाउन का समय मुश्किल हालातों में कटा। लखनऊ तक बस से आए थे। उसके बाद टूंडला तक का सफर गोमती एक्सप्रेस से पूरा किया है। उनके साथ पांच साथी और आए हैं।


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