जर्जर है स्कूल की बिल्डिंग, दहशत में रहते हैं बच्चे
टूंडला, संवाद सहयोगी। टूंडला का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर है। कई सालों से इसकी मरम्मत नहीं कराई है। बच्चे दहशत के बीच पढ़ रहे हैं। इस ओर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।
संवाद सहयोगी, टूंडला: स्कूल-कॉलेज का शब्द सुनते ही दिमाग में ऐसा स्थान आता है, एकाग्र चित्त बच्चे पढ़ने में व्यस्त हों। लेकिन नगर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का हाल जुदा है। जर्जर गिरासू भवन के चलते यहां छात्राओं के दिमाग में पढ़ाई की चिंता से ज्यादा दहशत रहती है कि कब छत टपक जाए। मरम्मत के लिए शासन को कई प्रस्ताव भेजे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
टूंडला में छात्राओं के लिए कक्षा 12 तक शिक्षा ग्रहण करने के लिए जीजीआईसी है। दशकों पुराने कॉलेज भवन की वर्षों से मरम्मत नहीं हुई है। बारिश के समय छतों से पानी टपकता है। खिड़की, जंगले और छतों की सरिया चमकने लगी हैं। इन्हें देखकर ही हादसे की आशंका होने लगती है।
कॉलेज में छात्राओं की संख्या काफी होने के कारण प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रो. एसपी ¨सह बघेल ने इसका विस्तार कर डिग्री कॉलेज बनाने और इमारत की मरम्मत कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसके बाद भी विद्यालय की सूरत नहीं बदल सकी। कुछ समय पूर्व निरीक्षण करने आईं डीएम नेहा शर्मा भी इमारत देख हैरान रह गई थीं। उन्होंने भी मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए थे।
'हमने कई बार अधिकारियों के साथ ही शासन को पत्र भेजे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ऊपर की मंजिल पर छात्राओं को हम नहीं बैठने देते। हमें भी हादसे का डर बना रहता है'।
अर्चना मौर्य, प्रधानाचार्य
'इमारत के जर्जर होने की जानकारी है। प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। ऊपर की मंजिल में लगनी वाली कक्षाएं भूतल पर लगवाई जा रही हैं'।
रीतू गोयल, जिला विद्यालय निरीक्षक