Move to Jagran APP

सॉस और पापड़ में सिथेटिक रंग, मावा निकला घटिया

फीरोजाबाद जासं। शासन-प्रशासन की सख्ती के बाद भी मिलावटखोर बाज नहीं आ रहे हैं। अपने मुनाफे के लिए वे लोगों को धीमा जहर परोस रहे हैं। खाद्य विभाग की जांच पड़ताल में सॉस और रंगीन पापड़ में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिथेटिक रंग पाया गया है। वहीं खोआ (मावा) भी घटिया निकला।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 10:55 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 10:55 PM (IST)
सॉस और पापड़ में सिथेटिक रंग, मावा निकला घटिया
सॉस और पापड़ में सिथेटिक रंग, मावा निकला घटिया

जागरण सांवाददाता, फीरोजाबाद: शासन-प्रशासन की सख्ती के बाद भी मिलावटखोर बाज नहीं आ रहे हैं। अपने मुनाफे के लिए वे लोगों को धीमा जहर परोस रहे हैं। खाद्य विभाग की जांच पड़ताल में सॉस और रंगीन पापड़ में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिथेटिक रंग पाया गया है। वहीं खोआ (मावा) भी घटिया निकला।

loksabha election banner

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने एक से 19 मार्च तक विशेष अभियान चलाया। कुल 45 सैंपल लिए गए। इनमें से 12 की रिपोर्ट आ गई है। 10 सैंपल फेल हुए हैं। बघेल मार्केट, कोटला रोड पर सपना एग सेंटर और राजा का ताल क्षेत्र में धर्मेंद्र एग सेंटर से लिए गए सॉस के नमूनों में सिथेटिक रंग पाया गया है। इसे मानव उपभोग के लिए हानिकारक बताया गया है। इसी तरह चिश्ती नगर, रामगढ़ में अन्नू उर्फ मोहम्मद गुलफाम से ली गई रंगीन कचरी (पापड़) में ऑरामाइन और रोडमीन-बी जैसे सिथेटिक रंग पाए गए।

इनके अलावा खैरगढ़ में कारोबारी देवेंद्र शर्मा, रुधेमई सिरसागंज में राधेश्याम, गढ़ी छिपी जलालपुर में जयवीर सिंह, नगला बाग सिरसागंज में गौरव के यहां से लिए गए मावा का सैंपल भी फेल हो गया। इसी तरह मक्खनपुर में चार पहिया वाहन से लिया गया दूध, उखरेंड सिरसागंज में अशोक के प्रतिष्ठान से लिए गए गोकुल एग्रो लिमिटेड, कच्छ गुजरात के जायका ब्रांड वनस्पति घी और रामनगर, सोफीपुर रोड पर प्रेमचंद्र से लिया गए दूध की गुणवत्ता ठीक नहीं मिली।

------

कुल्फी निर्माण केंद्र में मिला पोस्टर कलर

खाद विभाग की टीम ने मंगलवार की सुबह टूंडला के गांव मोहम्मदाबाद में कुल्फी निर्माण इकाई का निरीक्षण किया। यहां पाउडर और पोस्टर कलर से कुल्फी बनाई जा रही थी। मौके से कई किलो पोस्टर कलर रखा मिला। सैंपल लेने के बाद तीन किलो कलर को सीज करने के साथ ही 150 कुल्फी का घोल नष्ट कराया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.