आरएसएस पदाधिकारी की हत्या करने वाले सुपारी किलर गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सुपारी लेकर संघ पदाधिकारी संदीप शर्मा की हत्या करने वाले दो सुपारी किलर एवं साजिशकर्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दो लाख की सुपारी ली थी। इनसे मिली डायरी में पेशगी की रकम भी दर्ज थी।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सुपारी लेकर संघ पदाधिकारी संदीप शर्मा की हत्या करने वाले दो इनामी शूटर और एक षड्यंत्रकारी को पुलिस ने रविवार रात गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए शूटरों पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इनके द्वारा एटा के अवागढ़ में सर्राफ से लूट की घटना को भी स्वीकार किया है।
पुलिस लाइन में एसएसपी स¨चद्र पटेल ने पत्रकारों को बताया आरएसएस पदाधिकारी संदीप की हत्या करने वाले अनिल उपाध्याय पुत्र देवेश उपाध्याय निवासी नई आबादी टापाखुर्द, सत्ताइस उर्फ रामप्रकाश पुत्र रामबाबू निवासी हरी नगर तथा विपिन कुमार अपने घर आने वाले हैं। एसओजी प्रभारी कुलदीप ¨सह और उत्तर कोतवाली के इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार दुबे मौके पर पहुंचे और घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया। टीम में एसओजी के एसआइ कौशल किशोर और एसआइ गौरीशंकर पटेल भी शामिल रहे। वार्ता के दौरान एसपी सिटी राजेश कुमार, सीओ सिटी डॉ.अरुण कुमार उपस्थित थे। डायरी में दर्ज है पेशगी में मिली रकम
पुलिस के अनुसार, संदीप की हत्या की सुपारी अनिल उपाध्याय ने ली थी। उसके कब्जे से एक डायरी मिली, जिसमें विपिन द्वारा अब तक 1.62 लाख रुपये देना दर्ज है। शूटरों ने बताया कि हत्याकांड की मध्यस्थता मुख्य षडयंत्रकारी पवन उपाध्याय के चचेरे भाई विपिन उपाध्याय और अश्विनी वर्मा ने कराथी। इसके साथ ही वर्ष 2013 में एटा के अवागढ़ में सर्राफ से लूट और दो हत्या की वारदातों को कुबूल किया है। शूटरों का आपराधिक इतिहास :
अनिल उपाध्याय पर थाना रसूलपुर में चार, रामगढ़ में पांच, उत्तर में दो, एटा के अवागढ़ थाने में छह, आगरा के जगदीशपुरा थाने में तीन मुकदमे दर्ज हैं। इसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई हो चुकी है। सत्ताईस उर्फ रामप्रकाश पर उत्तर थाने में छह और विपिन उपाध्याय पर दो मुकदमा दर्ज हैं। संघ पदाधिकारी की हत्या पर हुआ था हंगामा।
तीन जुलाई की रात में संघ पदाधिकारी संदीप शर्मा की हत्या घर के बाहर गली में की गई थी। इस पर काफी हंगामा हुआ था। जिला अस्पताल में पुलिस के खिलाफ हू¨टग हुई थी। मामला शासन तक पहुंच गया। पुलिस ने मुख्य षडयंत्रकारी पवन उपाध्याय को तभी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अन्य आरोपी फरार थे, जिन पर इनाम घोषित था।