जिनालयों में गूंजे जयकारे, धर्म संदेशों की गूंज
दशलक्षण महापर्व के शुभारंभ के साथ जिनालयों में सुबह से भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों में पूजन के बाद अभिषेक हुए। मंदिरों में विधान हुए।
जेएनएन, फीरोजाबाद : गुरुवार से दशलक्षण महापर्व के शुभारंभ के साथ जिनालयों में सुबह से भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों में पूजन के बाद अभिषेक हुए। मंदिरों में विधान हुए। शांतिनाथ जिनालय विभव नगर में इंद्र बने पुजारियों और इंद्राणियों ने श्रीजी का अभिषेक एवं पूजन किया।
दोपहर में चंद्रप्रभ मंदिर में धर्मसभा में जयपुर से आए विद्वान डॉ. शीतल चन्द जैन ने ग्रंथराज तत्वार्थसूत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि यह 85 ग्रंथों का सार है। इसे पढ़ने एवं समझने से मानव जीवन सार्थक होता है। विधानाचार्य पं. राजेश जैन ने दसों अध्याय का वाचन किया। शाम को उत्तम क्षमा धर्म के संबंध में डॉ.जैन ने कहा कि क्रोध का अभाव ही क्षमा है। यह आत्मा का स्वभाव है, दिखाने के लिए नहीं, अंर्तमन से क्षमा करें। ढाई अक्षर के शब्द को जीवन में उतारा कभी बैर या अहित नहीं हो सका। धर्मसभा में विजय देवता, सुरेश चंद जैन एडवोकेट, वीरेंद्र रेंमजा, चक्रेश जैन आदि उपस्थित थे। व्यवस्थाएं अजय जैन, ललित रपरिया, जितेन्द्र जैन मुन्ना, अरुण जैन पीली कोठी ने संभाली।
विभव नगर में गाजे-बाजे के साथ विधान हुआ। पांडे राजेश कुमार जैन विधानाचार्य ने 170 तीर्थंकर विधान कराया। राजेन्द्र प्रसाद राजू, विनोद जैन मिलेनियम ने शांतिधारा की। इंद्राणी जैन, वर्षा जैन, आशा जैन, रश्मि जैन ने भजन प्रस्तुत किए। पं. सौरभ जैन शास्त्री ने प्रवचन दिए। श्यामसुंदर जैन, अनिल जैन, पवन जैन, कुलदीप मित्तल जैन, दीपक कुमार जैन उपस्थित थे।
टूंडला में जिनालय श्रीजी के जयकारों से गूंजते रहे। आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा पंचायती मंदिर में संत कुमार जैन ने पर्यूषण पर्व का महत्व बताया। दस दिनों में अलग-अलग तरह से पूजा अर्चना की जाती है। सचिन जैन सर्राफ, विवेक जैन, चंदेश जैन, कुनाल जैन, सोनाल जैन, जसवीर प्रसाद जैन, जयंत जैन, सुनील जैन, मनोज प्रकाश जैन, अनिल जैन, महेश चन्द्र जैन, ओमप्रकाश जैन, प्रदीप जैन, संजीव कुमार जैन, अर¨वद कुमार जैन आदि मौजूद रहे।
आज उत्तम मार्दव धर्म का विवेचन :कुलदीप मित्तल जैन एडवोकेट ने कहा कि शनिवार सुबह अभिषेक पूजन होगा। शाम सात बजे 7 आरती और आठ बजे उत्तम मार्दव धर्म का मार्मिक विवेचन होगा।