रामाश्रय सत्संग में उमड़ा आस्था का सैलाब
गांव चुल्हावली में चल रहे तीन दिवसीय रामाश्रम सत्संग में दूसरे दिन गुरु के प्रवचन सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। प्रवचन में कहा बिना गुरु के ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं है। मंगलवार को सत्संग का समापन होगा।
संवाद सहयोगी, टूंडला: गांव चुल्हावली में चल रहे तीन दिवसीय रामाश्रम सत्संग में दूसरे दिन गुरु की महत्ता के बारे में बताया। दूसरे प्रांतों से आए गुरुओं ने साधकों को ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग बताया।
गृहस्थ संत प्रभुदयाल शर्मा ने कहा कि ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग गुरु से होकर ही गुजरता है। गुरु ईश्वर तक पहुंचाने में सीढ़ी का काम करते हैं। संत कृष्णकांत शर्मा ने कहा कि सत्संग में आने वाले व्यक्ति को उसका फल खुद को गुरु के प्रति समर्पित करने पर ही मिलता है। स्वयं को समर्पण किए बिना साधना का फल नहीं मिलता। गया से आए मुकुल ने कहा कि 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मानव योनि प्राप्त होती है। यदि अभी इसका सदुपयोग नहीं किया गया तो पूरा जीवन व्यर्थ ही निकल जाएगा। लखनऊ से आए शिवप्रसाद शर्मा ने कहा कि संचार माध्यमों से सुनाई जाने वाली पूजा पद्धति मात्र एक दिखावा है। आत्मिक शांति न मिलने पर योग का लाभ भी नहीं मिलेगा। मोहित कुलश्रेष्ठ ने कहा कि त्रेता युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतरित होकर मां यशोदा को दिव्य दर्शन कराए थे। उसके बाद महाभारत के युद्ध में अर्जुन को विराट स्वरूप दिखाकर उनकी शंका को दूर किया। मंगलवार को प्रथम सत्र के बाद सत्संग का समापन हो जाएगा। सत्संग में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।