पीएचसी कोटला में मिलीं खामियां
्रपीएचसी कोटला के डॉक्टर और नर्स नहीं बता सके मेन्यू रसोई और शौचालय में थी गंदगी सीडीओ ने लगाई फटकार
फीरोजाबाद, जासं। ग्रामीण इलाकों में संचालित स्वास्थ्य केंद्रों का हाल बुरा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटला पर प्रसूताओं को केवल चाय पिलाकर चलता कर दिया जाता था। चिकित्सक और स्टाफ को यह तक पता नहीं कि प्रसव के बाद महिलाओं को खाने में क्या- क्या देना चाहिए। सोमवार को निरीक्षण करने पहुंची सीडीओ ये स्थिति देख हैरान रह गईं।
सीडीओ नेहा जैन दोपहर तीन बजे निरीक्षण करने पहुंची थीं। वहां केंद्र प्रभारी डॉ. बीडी अग्रवाल मौजूद नहीं मिले। डॉ. नितिन जग्गी एवं अन्य कर्मचारी मिले। सुबह से दो प्रसव हुए थे। रामवती के पति गंगा प्रसाद ने बताया की सुबह से केवल एक चाय मिली है। जबकि प्रसव सुबह सात बजे हुआ था। खाना न मिलने के कारण यहां प्रसव के मरीज रुकते नहीं है। रजिस्टर देखने से पता चला कि 10 नवंबर को सात बजे पिकी देवी पत्नी राजकुमार निवासी लतीफपुर ने बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन निरीक्षण के दौरान प्रसूता मौजूद नहीं मिली। रसोई में काफी गंदगी थी।
शौचालय और दवा वितरण कक्ष में भी गंदगी थी। आशा गंगा श्री को कन्या सुमंगला के बारे में नहीं बता सकी। सीएमओ को निर्देश दिए कि प्रसव के बाद महिलाओं को मीनू के अनुसार भोजन दिलाने की व्यवस्था करें। डॉक्टर जग्गी को निर्देशित किया गया है कि प्रसूताओं को चाय और खाना दिए जाने का फोटो वाट्सएप पर भेजें। लतीफपुर के सचिव, सफाईकर्मी को नोटिस:
पीएचसी के बाद सीडीओ ग्राम पंचायत लतीफपुर में निरीक्षण करने पहुंची। यहां आंतरिक गलियों का भ्रमण कर सफाई तथा पेयजल आपूर्ति की जानकारी ली। गलियों में गंदगी के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि न तो सफाई कर्मचारी आता है और न पंचायत सचिव ध्यान देते हैं। इस पर उन्होंने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।