कोरोना की लहर में उखड़ने लगीं कांच उद्योग की सांसें
लाकडाउन से कांच व चूड़ी की डिमांड में आई भारी गिरावट पचास फीसद चूड़ी कारखाने हुए बंद कुछ बंदी के कगार पर।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: देश-विदेश में चमक बिखरने वाला सुहागनगरी का कांच उद्योग कोरोना की पहली लहर से उबर नहीं पाया था। होली के त्योहार से शुरू हुई दूसरी लहर से कांच उद्योग की फिर सांसें उखड़ने लगी हैं। देश भर में लाकडाउन होने के कारण कांच आइटम व चूड़ियों की डिमांड लगातार घटती जा रही है। करोड़ों का कारोबार प्रभावित होने से उद्यमियों की नींद उड़ गई है।
सुहागनगरी का कांच व चूड़ी उद्योग देश-विदेश में सालों से अपनी चमक बिखेर रहा है। कांच कारखाने में बनने वाली कांच की बोतल, ग्लास सहित अन्य आइटमों की देश भर में काफी डिमांड रहती है। फीरोजाबाद से अमेरिका और यूरोपीय देशों में क्रिसमस पर फ्लावर पाट, कैंडल स्टैंड, लालटेन, क्रिसमस ट्री, लैम्प समेत अन्य सजावटी आइटमों का करोड़ों का कारोबार होता है। यहां ग्लास हैंडीक्राफ्ट का प्रत्यक्ष रूप से सालाना 500 करोड़ तथा देश के अन्य शहरों से दो हजार करोड़ का कारोबार होता है। देश भर में लाकडाउन होने के कारण एक्सपोर्टरों के सामने तमाम समस्याएं खड़ी हो गई हैं। कारोबारियों की मानें तो कोरोना की पहली व दूसरी लहर में कांच, चूड़ी व एक्सपोर्ट उद्योग को 1700 करोड़ से अधिक कारोबार प्रभावित हो चुका है। - 50 फीसद चूड़ी कारखाने हुए बंद, हजारों श्रमिक बेरोजगार
सुहागनगरी में सौ से अधिक चूड़ी कारखाने संचालित हैं। देशभर में लाकडाउन होने से चूड़ी के 50 फीसद कारखाने बंद हो गए हैं, जिससे हजारों श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। चूड़ी की डिमांड में भारी गिरावट से वर्तमान में जो कारखाने चल रहे हैं, उनको भी बीच-बीच में बंद करना पड़ रहा है। गैस से संचालित कुल इकाइयां
16 - आटोमैटिक प्लांट
60 - ग्लास वेयर कारखाने
125 - चूड़ी कारखाने
200 - एक्सपोर्ट इकाइयां
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सालाना टर्नओवर
2000 करोड़ : एक्सपोर्ट कारोबार
1500 करोड़: कांच का कारोबार
500 करोड़: चूड़ी कारोबार
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प्रभावित कारोबार
1000 करोड़ --- एक्सपोर्ट उद्योग
500 करोड़ --- कांच उद्योग
200 करोड़ --- चूड़ी उद्योग
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- कोरोना की दूसरी लहर में एक्सपोर्ट उद्योग काफी प्रभावित है। यदि मई के आखिर तक हालात में सुधार होता है तो 40 फीसद एक्सपोर्ट कारोबार बच सकता है, क्योंकि क्रिसमस के अधिकांश आर्डर मई-जून में मिलते हैं।
- मुकेश बंसल टोनी, अध्यक्ष एक्सपोर्ट एसोसिएशन - देश भर में लाकडाउन होने के कारण कांच की बोतल व ग्लास की डिमांड लगातार घटती जा रही है। वर्तमान में कोरोना महामारी के हालात को देखते जल्द कांच उद्योग का पहिया पटरी पर लौटने की उम्मीद काफी कम है।
-राजकुमार मित्तल, अध्यक्ष, द यूपी ग्लास मैन्यूफैक्चरर्स सिडीकेट - कोरोना महामारी के चलते देश भर में शादी समारोह व सामूहिक आयोजनों पर पाबंदी लगने से चूड़ी की डिमांड में भारी गिरावट आई है। इसके कारण कई कारखाने बंद हो चुके हैं। जो कारखाने चल रहे हैं, वह भी बंदी के कगार पर हैं।
- हनुमान प्रसाद गर्ग, डायरेक्टर, द ग्लास इंडस्ट्रियल सिडीकेट