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कीजिए इंतजार, आ रहे होंगे डॉक्टर साहब..

जिला अस्पताल में मनमानी चल रही है। बुधवार सुबह आठ बजे जिला अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टर नहीं थे, जबकि मरीजों की लाइन लगी हुई थी। पूछने पर बताया वार्ड में है, वहां भी देखा तो उनका न पहुंचना बताया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 11:21 PM (IST)
कीजिए इंतजार, आ रहे होंगे डॉक्टर साहब..
कीजिए इंतजार, आ रहे होंगे डॉक्टर साहब..

दृश्य एक: बुधवार सुबह आठ बजे। जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लाइन लगी हुई थी, लेकिन सर्जन कक्ष छोड़कर अन्य ओपीडी कक्ष खाली थे। फिजीशियन कक्ष में तीन चिकित्सक बैठते हैं। सबसे पहले डॉ. आरएन गर्ग साढ़े आठ बजे ओपीडी में आए। बाकी फिजीशियन पौने नौ बजे के बाद सीट पर पहुंचे। ²श्य दो: वृद्धजनों के इलाज के लिए अलग से बनी ओपीडी का दरवाजा ही पौने नौ बजे खुला। इस दौरान मरीज बाहर ही खड़े रहे तो तंत्रिका तंत्र एवं मानसिक रोग की ओपीडी भी नौ बजे खुली। खांसी-बुखार के इलाज के लिए जसराना से आए फूल ¨सह समेत कई वृद्धजन डॉक्टर्स का इंतजार करते रहे। जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: जनपद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीज पहले आते हैं और डॉक्टर बाद में। यह स्थिति तब है जब बीते दिनों लापरवाही पर डीएम ने अस्पताल के चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसके बाद भी बुधवार को ओपीडी का हाल पुराने ढर्रे पर नजर आया। डॉक्टर्स पर कार्रवाई का कोई असर नहीं पड़ा है। लापरवाही के आदी डॉक्टर्स हर रोज की ही तरह देर से अस्पताल पहुंचे और वक्त से पहले सीटों से उठ गए।

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डॉक्टरों की ओपीडी के बाहर रोगियों की भीड़ सुबह आठ बजे से लगने लगी थी, लेकिन इस वक्त तक अस्पताल की सफाई भी नहीं हो पाई थी। सिर्फ सर्जन अपने कक्ष में बैठे थे। फिजीशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, नाक-कान-गला रोग और आंखों के डॉक्टर की ओपीडी का ताला खुला था, लेकिन चिकित्सक नहीं बैठे थे। बताया गया डॉक्टर वार्ड में रोगियों की नब्ज पकड़ रहे हैं।

जागरण टीम ओपीडी तक गई तो नौ बजे तक डॉक्टर वार्ड में भी नहीं पहुंचे थे। नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं बाल रोग विशेषज्ञ अपने कक्ष में सुबह नौ बजे बैठे तथा ओपीडी का वक्त पूरा होने से पहले उठ गए। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया रोजाना यही स्थिति रहती है। अस्पताल प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करता। वार्ड के बहाने ओपीडी में आते देर से :

अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स ही ओपीडी में समय से आते हैं। वहीं देर से आने वाले डॉक्टर्स हर बार एक ही जवाब देते हैं कि वार्ड में गए थे, जबकि अगर वार्ड में जांच की जाए तो यह सुबह नौ बजे तक वार्ड में भी राउंड नहीं लेते।

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हो सकता है कुछ डॉक्टर्स देर से आए हों। इनके संबंध में जानकारी की जाएगी। ओपीडी में समय से बैठने की चेतावनी दी जाएगी। यदि इसके बाद भी नहीं सुधरे तो कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. आरके पांडेय,

सीएमएस।


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