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एआइएमआइएम में अजीम पर गरमाई सियासत

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मतगणना के बाद यूं तो राजनीतिक माहौल ठंडा होने लगा था, लेकि

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Dec 2017 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 02 Dec 2017 08:29 PM (IST)
एआइएमआइएम में अजीम पर गरमाई सियासत
एआइएमआइएम में अजीम पर गरमाई सियासत

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मतगणना के बाद यूं तो राजनीतिक माहौल ठंडा होने लगा था, लेकिन वोटों की गिनती के साथ चर्चा का केंद्र बनी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) में सपा से बागी हुए पूर्व विधायक अजीम भाई को लेकर सियासत गरमा गई है। पार्टी के विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष ने पार्टी की हार का ठीकरा सपा के पूर्व विधायक के सिर फोड़ा है। नगर निगम चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को 56 हजार से ज्यादा वोट मिले और दूसरे नंबर पर रही है।

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एआइएमआइएम विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष आसिफ अय्यूब ने यह बयान शनिवार को अपने कार्यालय में बैठक के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि यदि सपा के विद्रोही नेता अजीम भाई नालबंदान चौराहा पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में सभा नहीं करते, तो मेयर की कुर्सी पर एआइएमआइएम का कब्जा होता। सपा के बागी नेता ने यह समर्थन अपना खोया हुआ वजूद पाने के लिए किया। उनकी वजह से एआइएमआइएम को 30 हजार वोटों का नुकसान हुआ। आसिफ अय्यूब का कहना है कि अजीम भाई ने सभा करके भाजपा प्रत्याशी को मेयर बनाने का काम किया। बैठक में फरकान सैजी, अनुराग चौहान, सोऐव, मेहरान, रामदास मानव, मेहराज फिरदौसी, अफजाल और इमरान ने भी विचार व्यक्त किए।

अब कहां जाएंगे अजीम.

सपा की हार का सबब माने जा रहे पूर्व विधायक अजीम भाई अब बीच मझधार में फंसे नजर आ रहे हैं। सपा से खुलेआम बगावत कर चुके अजीम को अब तक एआइएमआइएम का नजदीकी माना जा रहा था, मगर अब पार्टी में उनके खिलाफ विरोध के सुर पहले से ही जोर पकड़ने लगे हैं। हालांकि अगले कदम के बारे में अजीम की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है।

'मैंने चुनाव में एआइएमआइएम प्रत्याशी का समर्थन किया, उसी का परिणाम है कि पार्टी दूसरे नंबर पर रही। हालांकि हमारा लक्ष्य इससे बड़ा था। हमारा प्रत्याशी जीत रहा था, लेकिन सपा ने बसपा के समर्थक मतदाताओं को अपने पक्ष में लेने के लिए काफी पैसा खर्च किया। इस बात को प्रत्याशी और उनके परिजन भी मानते हैं।'

-अजीम भाई, पूर्व विधायक

'चुनाव में अजीम ने हमें बहुत बड़ा सहयोग दिया। हमारे लिए कुर्बानी दी। हम उनका अहसान नहीं भुला सकते। उनकी वजह से ही हमें इतने वोट मिले हैं। इसके बाद भी यदि विधानसभा अध्यक्ष ने उनके खिलाफ कोई बयान दिया है, तो यह गलत है। यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है।'

-नौशाद सिद्दीकी, प्रत्याशी पति।


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