Move to Jagran APP

सरकारी ट्रामा सेंटर में बिजली गुल से आक्सीजन बंद, महिला की मौत

एक घंटे तक मची रही अफरातफरी बाद में चलाया गया जेनरेटर अटकी रहीं मरीजों की सांसे तीमारदारों ने किया हंगामा पहुंची पुलिस।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 06:11 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:11 AM (IST)
सरकारी ट्रामा सेंटर में बिजली गुल से आक्सीजन बंद, महिला की मौत

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सरकारी ट्रामा सेंटर में अव्यवस्था थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार शाम बिजली गुल होने से आक्सीजन की आपूर्ति बंद हो गई, जिससे मरीजों की सांसें अटकने लगीं और एक महिला की जान चली गई। गुस्साएं तीमारदारों का हंगामा देख डाक्टर और स्टाफ भाग निकले। लगभग एक घंटे बाद जेनरेटर शुरू हुआ, तब आक्सीजन की आपूर्ति शुरू हुई। सीएमएस ने पहुंचकर तीमारदारों को शांत किया। दो दिन पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी।

loksabha election banner

सरकारी ट्रामा सेंटर में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां पर आक्सीजन की पाइपलाइन के अलावा पोर्टेबल आक्सीजन जेनरेटर लगाए गए है। एक आक्सीजन जेनरेटर से एक मरीज को आक्सीजन दी जाती है। यह जेनरेटर बिजली से चलता है। तीसरे पहर चार बजे अचानक ट्रामा सेंटर की बिजली चली गई। इससे चलने वाले आक्सीजन जेनरेटर बंद हो गए। बुधवार दोपहर भर्ती कराई गईं जलेसर के गांव नगला राम बख्श निवासी 48 वर्षीय सोनमती देवी पत्नी राजन लाल की आपूर्ति बंद होने के बाद सोनमती की सांसें उखड़ने लगीं। तीमारदारों के आरोप के मुताबिक उन्होंने ड्यूटी डाक्टर और स्टाफ से शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और इसी बीच सोनमती की सांसें थम गईं। महिला की मौत की खबर लगते ही अफरातफरी मच गई। मृतक महिला के स्वजन और दूसरे रोगियों के तीमारदार हंगामा करने लगे। वे सोनमती और अन्य रोगियों के इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। हंगामा बढ़ता देख डाक्टर व कर्मचारी अस्पताल से भाग गए। सरकारी ट्रामा सेंटर पुलिस चौकी प्रभारी धर्मपाल सिंह और थाना उत्तर पुलिस मौके पर पहुंच गई। कुछ देर बाद सीएमएस डा. आलोक कुमार भी आ गए। वे हंगामा कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं था। प़ुलिस ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर हंगामा शांत कराया। सीएमएस डा. आलोक कुमार ने बताया कि फाल्ट की वजह से बिजली गुल हुई थी। सोनमती की हालत पहले से गंभीर थी। भर्ती कराने के दौरान उनके शरीर में आक्सीजन की मात्रा 40 फीसद थी। - मेडिकल कालेज अस्पताल का इलेक्ट्रिशियन चलाता है जेनरेटर:

सरकारी ट्रामा सेंटर परिसर में लगे जेनरेटर को चलाने के लिए किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं है। मेडिकल कालेज पुरुष अस्पताल के इलेक्ट्रिशियन की उसे चलाने की जिम्मेदारी है। सरकारी ट्रामा सेंटर से अस्पताल की दूरी आधा किमी होगी, इसके बाद भी जेनरेटर चलाने में एक घंटे का वक्त लगा। - तीमारदार अंगोछा से करते रहे रोगियों को हवा-

सरकारी अस्पताल में भर्ती रोगियों के तीमारदार अपने अंगोछे और हाथ के पंखे से हवा करते रहे। बिजली गुल रहने के दौरान इन रोगियों की सांस भी अटकी रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.