अनलाक में भी लाक हो रहा ब्लड बैंक
फीरोजाबाद जासं कोरोना काल में बाजार और कारोबार अनलाक हो गए लेकिन ब्लड बैंक के इंतजाम अब तक भी लाक चल रहे हैं। डिमांड बरकरार है लेकिन रक्त का दान कोरोना की दहशत में घटता जा रहा है। हालत यह है कि कभी दो से तीन सौ के स्टाक वाले ब्लड बैंक में निगेटिव ग्रुप के रक्त का स्टाक शून्य है।
फीरोजाबाद, जासं: कोरोना काल में बाजार और कारोबार अनलाक हो गए, लेकिन ब्लड बैंक के इंतजाम अब तक भी लाक चल रहे हैं। डिमांड बरकरार है लेकिन रक्त का दान कोरोना की दहशत में घटता जा रहा है। हालत यह है कि कभी दो से तीन सौ के स्टाक वाले ब्लड बैंक में निगेटिव ग्रुप के रक्त का स्टाक शून्य है।
मार्च से हुए कोरोना के लाकडाउन स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में संकट गहराना शुरू हो गया था। रक्तदान कैंप नहीं लग पाए। आम मरीजों की डिमांड तो घट गई, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए डिमांड आती रही और स्टॉक खत्म हो गया। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में हालात ऐसे हो गए कि ब्लड बैंक में महज 11 यूनिट रक्त बचा था। इसके बाद अपील शुरू हुई और स्थिति संभली, लेकिन अक्टूबर में एक बार फिर से स्थिति बिगड़ने लगी है। दस अक्टूबर शनिवार को हालत यह थी कि 400 यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में महज 25 यूनिट रक्त रह गया है। दस अक्टूबर को ब्लड बैंक में रक्त उपलब्धता की स्थिति
ग्रुप ------ उपलब्ध रक्त-
ए पॉजीटिव- शून्य
ए निगेटिव--- एक
बी पॉजीटिव- नौ
बी निगेटिव- शून्य
एबी पॉजीटिव- पांच
एबी निगेटिव- शून्य
ओ पॉजीटिव- दस
ओ निगेटिव- शून्य --स्वैच्छिक रक्तदान माह में निराशा, रक्तदाताओं से अपील:
ब्लड बैंक कोआर्डिनेटर आरती सिसौदिया बताती हैं कि एक से 31 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले स्वैच्छिक रक्तदान माह में पिछले साल तीन सौ यूनिट ब्लड डोनेट किया गया था। वर्तमान में दस दिन में महज 29 यूनिट ब्लड आया। पंद्रह यूनिट औसतन रोज की डिमांड है, इनमें से थैलीसीमिया, कैंसर और डिलीवरी केस में बिना डोनर को देना पड़ रहा है। सभी से अपील है कि रक्तदान में आगे आएं।
--जागरण की मुहिम में आगे आई थी पुलिस:
ब्लड बैंक के हालात पर जुलाई में जागरण ने मुहिम चलाई थी। सात जुलाई को एसएसपी सचिद्र पटेल आगे आए थे। एसएसपी ने खुद रक्तदान किया और जवानों से अपील की। इसके बाद एक दिन में 45 यूनिट रक्त बैंक में आ गया था। अब भी ऐसे ही पहल की जरूरत है।