नौकरी छोड़ खेती से भविष्य सींच रहे मैकेनिकल इंजीनियर
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। जिले के एक मैकेनिकल इंजीनियर ने अब खुद को खेती में रमा लिया है। वह जैविक खेती कर अपना भविष्य बना रहे हैं। वह खुद खाद तैयार करते हैं और फसल को उगा रहे हैं। स््िरपंकलर सिंचाई से बचा रहे पानी और इसके लिए हो चुके हैं सम्मानित। वह निजी कंपनी में महाप्रबंधक के पद पर थे, लेकिन नौकरी छोड़ खेती में भविष्य बना रहे हैं।
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। जिले के एक मैकेनिकल इंजीनियर ने अब खुद को खेती में रचा बसा लिया है। इससे पूर्व वह कई वर्षों तक आगरा की एक निजी कंपनी में महाप्रबंधक के पद पर काम कर चुके हैं। वे नौकरी छोड़ रसायन मुक्त फसलें जैविक खेती कर उगा रहे हैं। इसके लिए उनको प्रशासन भी सम्मानित कर चुका है।
फीरोजाबाद ब्लॉक के गांव लालऊ के खेतों में फसलों की निगरानी करते राजीव शर्मा पर सहज ही कोई विश्वास नहीं करेगा कि वे आगरा की एक निजी फर्म में महाप्रबंधक रह चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2002 में एमटेक किया था। इसके बाद उन्होंने निजी क्षेत्र की कंपनी में कई साल नौकरी की। करीब तीन वर्ष पहले उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पुश्तैनी खेती को नए तरीके से संवारने की ठान ली। उनके इस फैसले से परिवार के लोग भी हैरान रह गए। उन्होंने समझाया लेकिन राजीव ने फैसला नहीं बदला।
खेती में कुछ नया करने की चाह में उन्होंने परंपरा और जैविक पद्धति को अपनाया। वे जैविक खाद भी घर पर ही तैयार करते हैं। राजीव स्प्रिंकलर पद्धति से ¨सचाई कर हर वर्ष न सिर्फ पानी बचाते हैं बल्कि उत्पादन भी अधिक करते हैं। 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण ¨सह की जयंती पर कृषि विभाग ने उन्हें उत्कृष्ट किसान का पुरस्कार दिया था। दुबई भेजेंगे आलू
राजीव शर्मा का कहना है कि वह जैविक तरीके से गेहूं, सरसों, आलू और अन्य सब्जियां उगाते हैं। इनमें रसायनों का जहर नहीं होता। जैविक तरीके से उगाए आलू का निर्यात करने के प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में दुबई की एक कंपनी से बात चल रही है। कंपनी के प्रतिनिधि उनके खेतों का जायजा भी ले जा चुके हैं।