MBBS Student Suicide: सेल्फ स्टडी से NEET में सलेक्ट हुआ था शैलेंद्र, फिरोजाबाद में बिखरे श्रमिक पिता के सपने
Firozabad MBBS Student Suicide Case 2021 में हुआ था नीट में चयन। फिरोजाबाद का मेडिकल कालेज मिलने से खुश था परिवार। बेटे की मौत के बाद परिवार में मचा कोहराम। सदमे में साथी छात्र-छात्राएं। छात्र-छात्राओं ने कैंडल मार्च निकाल कर किया प्रदर्शन।
फिरोजाबाद, जागरण टीम। स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र ने हास्टल के कमरे में बेल्ट से फंदा कसकर आत्महत्या कर ली। शहर के कौशल्या नगर निवासी चूड़ी जुड़ाई मजदूर उदय शंखवार का बेटा शैलेंद्र शंखवार एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र था। वह जलेसर रोड स्थित मेडिकल कालेज परिसर में बने हास्टल के कमरा नंबर 215 में रहता था।
12वीं में प्रथम श्रेणी में हुआ था पास
कौशल्या नगर निवासी चूड़ी जुड़ाई श्रमिक का बेटा शैलेंद्र होनहार था। ब्रजराज सिंह इंटर कालेज से 12 वीं प्रथम श्रेणी में पास करने के बाद सेल्फ स्टडी से उसने नीट की परीक्षा पास की। शहर के सरकारी मेडिकल कालेज में प्रवेश मिला तो परिवार की खुशियाें का ठिकाना नहीं रहा। एक ही झटके में परिवार की खुशियां लुट गईं। चूड़ी जुड़ाई श्रमिक उदय सिंह शंखवार के चार बेटे हैं। बड़ा बेटा बीए करने के बाद बीएड कर रहा है, जबकि दूसरे नंबर का शैलेंद्र बचपन से ही पढ़ने में तेज था। उदय सिंह ने बताया कि शैलेंद्र जब दसवीं में था तब से डाक्टर बनने की कहता था। 12 वीं की पढ़ाई के साथ ही उसने नीट की तैयारी शुरू कर दी थी। 2021 में जब उसका चयन हुआ तो लगा कि हमारी पीढ़ी बदल जाएगी। कालेज की अव्यवस्थाओं ने उसकी जान ले ली।
घर आकर कहता था धमकी देता है बाबू...
उदय सिंह ने बताया कि पढ़ाई अच्छी तरह से हो, इसलिए शैलेंद्र शुरू से हास्टल में रहता था। शनिवार की शाम को वह घर आता था और अपने कपड़े धोने के लिए देकर लौट जाता था। बीच में उसने कई बार कहा कि कालेज का बाबू उत्पीड़न करता है। बार-बार अटेंडेंस शार्ट कर परीक्षा न देने की धमकी देता है।
शुक्रवार शाम को हुई थी फोन पर बात..
शैलेंद्र ने शुक्रवार शाम सात बजे अपने पिता उदय सिंह से आखिरी बार बात की थी। उदय ने पेपर के संबंध में पूछा तो बताया कि पेपर ठीक गया है। यह भी कहा कि ये इंटरनल पेपर हैं। मुख्य परीक्षा में वह और अच्छा करेगा, वह चिंता न करें। वहीं साथी छात्र-छात्राओं का कहना है कि शुक्रवार को शैलेंद्र एक घंटे बाद ही पेपर छोड़कर कमरे में लौट गया था। उसके बाद वह कमरे से बाहर नहीं निकला।
मेरे लाल को मार डाला कहकर बेहोश होती रही मां..
होनहार बेटे की आत्महत्या की सूचना पर मां और रिश्तेदार बिलखते हुए मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे। शैलेंद्र की मां मेरे लाल को मार डाला, मैं कैसे रहूंगी, कहकर बार-बार बेसुध हो रही थी। गमगीन माहौल में प्रथम से तृतीय वर्ष तक के छात्र-छात्राएं जमीन पर बैठे थे।
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