फैक्ट्री में विस्फोट पर फंसे कई अधिकारी
फीरोजाबाद: 28 फरवरी को जेपी कैमिकल्स में हुई घटना की सिटी मजिस्ट्रेट ने की थी जांच। उपायुक्त उद्योग, सहायक निदेशक कारखाना और सीएफओ को पाया दोषी।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : 27 फरवरी की रात को इंडस्ट्रियल स्टेट स्थित फैक्ट्री में हुए विस्फोट की जांच में कई अधिकारी फंस गए हैं। मजिस्ट्रेटी जांच में उपायुक्त उद्योग, सहायक निदेशक कारखाना और मुख्य अग्निशमन अधिकारी को दोषी पाया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट ने अपनी रिपोर्ट डीएम को भेज दी है।
आगरा रोड स्थित इंडस्ट्रियल स्टेट में जेपी कैमिकल्स में 27 फरवरी की रात में विस्फोट से आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। हालांकि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन इस हादसे के बाद में कई विभागों की लापरवाही सामने आई है। विस्फोट की जांच में पता चला कि सल्फर से विस्फोट हुआ था। हादसे के दूसरे दिन सुबह अधिकारियों को सबूत मिटाने जैसी स्थिति मिली। इसके बाद डीएम नेहा शर्मा ने जांच के आदेश तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट शीतला प्रसाद यादव को दिए थे, लेकिन अप्रैल में उनके सेवानिवृत्त होने के बाद जांच बीच में कुछ समय के लिए रुक गई। 11 मई को तैनात हुई सिटी मजिस्ट्रेट प्रियंका ¨सह ने जांच शुरू की, तो उसमें फैक्ट्री मालिक के साथ कई अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। फैक्ट्री 2017 के बाद अग्निशमन विभाग में पंजीकरण कराए बिना चल रही थी, लेकिन मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने नोटिस तक नहीं दिया। फैक्ट्री काफी समय से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी लिए बिना चल रही थी। सिटी मजिस्ट्रेट ने उपायुक्त उद्योग, सहायक निदेशक कारखाना को औद्योगिक इकाइयों का नियमित निरीक्षण न करने का दोषी पाया है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि उन्होंने रिपोर्ट डीएम को भेज दी है। कार्रवाई डीएम स्तर से ही होगी।
गिरनार ग्लास को नोटिस
सिटी मजिस्ट्रेट प्रियंका ¨सह ने पुरुषोत्तम नगर स्थिम गिरनार ग्लास वर्क्स को भी कमियां पाए जाने व प्रदूषण फैलाने के संबंध में नोटिस जारी किया है।