श्रमिकों की वार्ता फेल, नहीं चले चूड़ी कारखाने
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शहर के ब्लोइंग कारखानों में फैंसी चूड़ी श्रमिकों की हड़ताल पर शुक्रवार
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शहर के ब्लोइंग कारखानों में फैंसी चूड़ी श्रमिकों की हड़ताल पर शुक्रवार को भी फैसला नहीं हो सका। हड़ताल से गैस एवं अन्य खर्चों के रूप में एक-एक कारखाने को करीब एक-एक लाख की चपत लग रही है। इधर सहायक श्रमायुक्त दफ्तर पर हुई समझौता वार्ता में दोनों पक्षों के बीच बातचीत शांतिपूर्ण ढंग से हुई, लेकिन सेवायोजक पक्ष के कई उद्यमियों के बाहर होने के कारण फैसला नहीं हो सका है। ऐसे में अब सहायक श्रमायुक्त ने इस मामले में 14 अप्रैल को समझौता वार्ता बुलाई है।
शहर एवं मक्खनपुर के ब्लोइंग चूड़ी कारखानों में सोमवार से हड़ताल की स्थिति है। शुरुआत में फैंसी एवं सफेद चूड़ी दोनों तरह के श्रमिक हड़ताल पर चले गए थे। गुरुवार को सफेद चूड़ी बनाने वाले कारखानों में श्रमिक काम पर लौट आए थे, लेकिन फैंसी चूड़ी बनाने वाले कारखानों में हड़ताल रही। शहर के मातेश्वरी ग्लास के साथ में कोहिनूर ग्लास, पीतांबरा ग्लास एवं राघव ग्लास सहित अन्य कारखाने बंद रहे। हड़ताल से कारखानेदारों को भी लाखों की चपत लग रही है। उत्पादन बंद होने के बाद भी भट्ठियों को गर्म रखने के लिए गैस फुंक रही है। एक टैंक फर्नेश में हर रोज 50 से 60 हजार रुपये की गैस फुंक जाती है। इसके बाद में अन्य खर्चों के रूप में भी उद्यमियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। उद्यमियों की मानें तो एक कारखाने में हर रोज 75 हजार से लेकर एक लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।
इस बीच सहायक श्रमायुक्त राजीव कुमार ¨सह द्वारा बुलाई गई समझौता वार्ता में श्रमिक संगठन से भूरी ¨सह एवं नवल ¨सह तथा सेवायोजक पक्ष से विन्नी मित्तल एवं मनोज मित्तल पहुंचे। यहां पर श्रमिक पक्ष ने प्रतिदिन 50 रुपये बढ़ोत्तरी की मांग रखी। श्रमिकों की मांग पर सेवायोजक पक्ष ने कहा कि जिन कारखानों में हड़ताल चल रही है, उन कारखानों से जुड़े कई सेवायोजक आज नहीं हैं, ऐसे में इस पर सभी की सहमति के बाद फैसला होगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सहायक श्रमायुक्त ने इस मामले में 12 अप्रैल की समझौता वार्ता की तारीख दी है। वहीं एएलसी राजीव कुमार ¨सह का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई है तो श्रमिकों ने भी औद्योगिक शांति बनाए रखने का भरोसा दिलाया है। अगली तारीख पर इस गतिरोध का हल निकल आने की पूरी संभावना है।