बकरीद पर थी लूट की योजना, हथियार सहित आए थे शातिर
टूंडला में सर्राफ को लूट भागते हुए पकड़े गए लुटेरे शातिर निकले। इन्होंने बकरीद पर लूट की योजना बनाई थी।
संवाद सहयोगी, टूंडला: टूंडला में सर्राफ को लूट भागते हुए पकड़े गए लुटेरे शातिर निकले। इनपर फीरोजाबाद सहित कई जिलों में लूट, हत्या एवं डकैती के मुकदमे दर्ज हैं। रेकी के बाद पूरी योजना के साथ वारदात को अंजाम देते थे। सर्राफ को बकरीद के दिन लूटने की योजना थी। पूरी तैयारी के साथ टूंडला भी पहुंच गए, लेकिन बकरीद के चलते बढ़ी पुलिस गश्त को देख वापस लौट गए। पुलिस ने दो बदमाशों को जेल भेज दिया है, जबकि मृत बदमाश का शव उसके पिता को सौंपा है।
गुरुवार रात थाने से महज दो सौ मीटर दूरी पर अपाचे सवार बदमाशों ने दुकान बंद कर लौट रहे अहाता धनप्रसाद निवासी प्रदीप पाराशर पुत्र ओमप्रकाश पाराशर से तमंचे के बल पर डेढ़ लाख रुपये सहित लाखों के आभूषण लूट लिए थे। लूट के बाद भागते हुए उन्हें ग्रामीणों ने पकड़ लिया। इस दौरान गोली लगने से एक बदमाश की मौत हो गई। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में सीओ संजय वर्मा ने बताया कि लूट की योजना भूरा उर्फ सत्यप्रकाश ने बनाई थी। दस लाख का सोना होने का अनुमान था। बुधवार को ही वारदात को अंजाम देना था। लुटेरे हथियार लेकर टूंडला पहुंच भी गए थे, लेकिन बकरीद के चलते पुलिस की गश्त देख वापस लौट गए। गुरुवार को लूट को अंजाम देने के बाद गढ़ी भक्ति होते हुए आगरा भाग रहे थे, लेकिन गांव के समीप स्पीड ब्रेकर पर बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई। बाइक ¨चटू उर्फ चंद्रशेखर पुत्र महेशचंद्र निवासी ग्राम नगला भाव ¨सह थाना सादाबाद जनपद हाथरस चला रहा था। बीच में भूरा उर्फ सत्यप्रकाश पंडित पुत्र गो¨वद स्वरूप निवासी गांव गढ़ी चंदन थाना ढौकी जनपद आगरा तमंचा लेकर बैठा हुआ था। सबसे पीछे ¨रकू जाटव उर्फ बाबा उर्फ अशोक पुत्र इंद्रपाल जाटव निवासी ¨गदौली थाना इगलाश जनपद अलीगढ़ था। बाइक के गिरते ही भूरा के हाथ में लगा तमंचा चल गया और गोली लगने से ¨चटू उर्फ चंद्रशेखर की मौत हो गई। गोली की आवाज सुन पहुंचे ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया, बदमाशों ने ग्रामीणों पर भी फाय¨रग की, लेकिन बच नहीं सके। पकड़े गए बदमाशों के पास से तीन तमंचे, नौ कारतूस व लूट के 44 हजार पांच सौ रुपये, दुकान की चाबी व थैला बरामद हुआ है। लुटेरों के पकड़े जाने की जानकारी पर अलीगढ़, हाथरस, आगरा, फीरोजाबाद एटा पुलिस अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं के खुलासे के लिए कोतवाली में पूछताछ करने आईं, लेकिन शातिरों से कोई भी घटना नहीं कबूल करा सकीं।
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कहां गए लाखों के जेवरात :लूट के दौरान रुपयों के साथ में लाखों के जेवर भी बदमाशों ने लूटे थे। तहरीर में आभूषणों की कीमत नहीं लिखी है, लेकिन चर्चा है कि करीब 20 लाख के आभूषण थैले में थे। पुलिस को एक भी आभूषण नहीं मिला है। ऐसे में आभूषणों को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। पुलिस कई ¨बदुओं पर जांच कर रही है।
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लुटेरों का आपराधिक इतिहास :एसपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि हादसे में मारे गए लुटेरे चंद्रशेखर पुत्र महेशचंद्र पर लूट, डकैती सहित अन्य मामले में एटा, हाथरस और टूंडला थाना में मुकदमा दर्ज है। वहीं भूरा पर छह और ¨रकू पर चार मुकदमा दर्ज है। पुलिस पूछताछ में भूरा ने यह भी कबूला कि संघ पदाधिकारी की हत्या के मामले में फरार शूटर अनिल उपाध्याय भी कई घटनाओं में उसके साथ शामिल रहा है।
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पुलिस को गुमराह करता रहा शातिर :
पकड़ा गया लुटेरा ¨रकू जाटव उर्फ बाबा पुलिस को घंटों तक गुमराह करता रहा। वारदात के बाद पुलिस की हिरासत में आने पर अपना नाम अशोक पुत्र मनोज निवासी वृंदावन बताया था। पुलिस ने जब वृंदावन पुलिस से संपर्क साधा तो वहां इस नाम का कोई भी अपराधी नहीं मिला। इस पर पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर ¨रकू ने अपना असली नाम एवं पता पताया। इसके बाद पुलिस ने इगलास पुलिस से संपर्क साध कर इसका ब्यौरा जुटाया।
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साहब, अच्छा हुआ मर गया बेटा :
पुलिस ने मृतक ¨चटू उर्फ चंद्रशेखर के पिता महेशचंद्र को जब उसकी की मौत की खबर दी तो वह दुखी होने के बजाय खुश होकर बोले साहब अच्छा हुआ, जो मर गया। उसने बहुत परेशान कर रखा था। बताया जाता है कि मृतक ¨चटू की शुक्रवार को लूट के मामले में अलीगढ़ कोर्ट में पेशी थी।
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लूट के बाद गांवों का रास्ता चुनते थे लुटेरे
पकड़े गए बदमाश ¨रकू जाटव ने बताया कि घटना के बाद बाइक से गांव के रास्ते होकर आगरा पहुंचना था, क्योंकि हाईवे पर पुलिस की चे¨कग होती है। घटना के बाद भूरा के खेत पर बने ट्यूबवेल पर शराब पार्टी के साथ ही लूट के माल का बंटवारा होना था। लूट का माल मेरठ में बेचते थे। घटना को अंजाम देने से पूर्व भी उन्होंने टूंडला के एक शराब के ठेके पर पार्टी की थी।
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जुआ खेलने के दौरान हुई दोस्ती :
मृतक ¨चटू उर्फ चंद्रशेखर तथा भूरा उर्फ सत्यप्रकाश दोनों जुआ खेलने के शौकीन हैं। दोनों की दोस्ती धौर्रा थाना एत्मादपुर गांव के पास जुआ खेलने के दौरान हुई। ¨चटू अक्सर धौर्रा में अपने एक रिश्तेदार के यहां ठहरता था।