देश के लिए क्षत्रियों को करना होगा त्याग
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रतापगढ़ के सांसद का गर्जना रैली में भव्य स्वागत हुआ।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रतापगढ़ के सांसद हरिवंश ¨सह ने कहा कि श्रीराम हमारे आदर्श हैं। उनके पदचिह्नों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ चल रहे हैं। पहले सभी मुख्यमंत्री एसी में रहते थे, मगर योगी साधारण जीवन जीते हैं। क्षत्रियों ने पहले भी त्याग किया है। आज देश के लिए त्याग की जरूरत है। दहेज रहित शादी करनी होगी और मृत्युभोज बंद करना होगा। हरिवंश शुक्रवार को शहर के पालीवाल हॉल में आयोजित क्षत्रिय गर्जना रैली को संबोधित कर रहे थे। निर्धारित कार्यक्रम से करीब एक घंटे देरी से पहुंचे हरिवंश ¨सह का युवाओं ने जोशीला स्वागत किया। क्षत्रिय नेता दलवीर ¨सह तोमर ने सभी अतिथियों को माला पहनाई। समारोह में पूर्व सांसद स्वामी सुरेशानंद ने कहा कि आरक्षण गरीब को दिया जाना चाहिए, चाहे वह दलित हो या सवर्ण। आगरा के विधायक रामप्रताप ¨सह चौहान ने कहा कि बच्चों के साथ बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। राष्ट्रीय महामंत्री ठा. राघवेंद्र ¨सह ने कहा कि प्रभु श्रीराम की तरह आज भी समाज को जोड़ने की जरूरत है। ठाकुर निधि ¨सह ने कहा कि क्षत्रिय समाज को अपने वंशज श्रीराम के मंदिर को बनाने के लिए संकल्प लेना होगा। इटावा विधायक सरिता भदौरिया ने कहा कि भगवान श्रीराम से लेकर महाराणा प्रताप तक ने बलिदान को अपने कर्म से जोड़कर समाज हित में कार्य किए। जिलाध्यक्ष महेंद्र प्रताप ¨सह ने महानगर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करने और गरीब कन्याओं की सामूहिक शादी कराने की घोषणा की। संचालन प्रीत कुमार ¨सह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जयगो¨वद ¨सह, यश चंदेल, कमल ¨सह, नीलम ¨सह, दलवीर ¨सह तोमर, राघवेंद्र ¨सह, बीएस भदौरिया, निधि ¨सह, ब्रजेंद्र ¨सह, भंवर ¨सह चौहान, विजयपाल ¨सह, जुगेंद्र ¨सह, डीपी ¨सह, शैलेंद्र प्रताप, सतेंद्र धाकरे, पुष्पा चौहान, राहुल राठौर, हरेंद्र ¨सह तरकर आदि क्षत्रिय मौजूद रहे।
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भीड़ कम होने पर बरसे क्षत्रिय:
क्षत्रिय गर्जना रैली में दोपहर एक बजे तक नीचे हॉल में पड़ी कुर्सियां तक नहीं भर पाई। कार्यक्रम में आए क्षत्रियों में इसको लेकर खासी टीस दिखाई दी। बीएस भदौरिया का कहना था कि हमें गरीब क्षत्रिय के दरवाजे तक जाना होगा, तभी इस तरह के आयोजन में भीड़ जुट सकेगी। इसी तरह अन्य स्थानीय वक्ताओं ने भी कुर्सियां खाली होने पर नाराजगी जताई।