थक गई थ्री नॉट थ्री, इंसास ने दौड़ लगाई
फीरोजाबाद पुलिस विभाग का कई दशक तक साथ निभाने वाली थी्र नॉट थी्र राइफल थानों से विदा हो रही है। उसकी जगह अब आधुनिक राइफल इंसास (इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम) पुलिस के कंधों की शोभा बढ़ाने लगी है। सुहागनगरी के सभी थानों पर यह आधुनिक राइफल पहुंच गई है। आगामी लगभग छह माह में अंग्रेजों के जमाने की र्थ्री नॉट थी्र राइफल पूरी तरह विभाग से हट जाएगी। पुलिस महकमे में र्थ्री नॉट थी्र राइफल का सफर 150 साल से अधिक पुराना है। अंग्रेजों के जमाने में भी इसी का उपयोग किया जाता था। 1
फीरोजाबाद, जासं। पुलिस विभाग का कई दशकों तक साथ निभाने वाली थ्री नॉट थ्री राइफल थानों से विदा हो रही है। उसकी जगह अब आधुनिक राइफल इंसास (इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम) पुलिस के कंधों की शोभा बढ़ाने लगी है। सुहागनगरी के सभी थानों पर यह आधुनिक राइफल पहुंच गई है। आगामी लगभग छह माह में अंग्रेजों के जमाने की थ्री नॉट थ्री राइफल पूरी तरह विभाग से हट जाएगी।
पुलिस महकमे में थ्री नॉट थ्री राइफल का सफर 150 साल से अधिक पुराना है। विश्व युद्ध में इस राइफल का प्रयोग किया गया था। 1857 में यह राइफल पुलिस के पास आयी थी। उस वक्त अंग्रेज सिपाही इसका उपयोग करते थे। देश की स्वतंत्रता के बाद भी महकमे में इसकी धाक जमी रही। समय के हिसाब से पिछड़ी इस राइफल को पुलिस से विदा करने के लिए लगभग एक साल पहले कार्रवाई शुरू हुई। इसकी जगह अत्याधुनिक इंसास और एसएलआर रायफल दी जा रही हैं। थानों में डेढ़ सैकड़ा से अधिक इन अत्याधुनिक हथियारों की आमद हो गई है। थ्री नॉट थ्री की यह
खूबियां के साथ कमियां भी थीं थ्री नॉट थ्री में:थ्री नॉट थ्री राइफल की मारक क्षमता अच्छी है। परंतु दिक्कत यह कि काफी पुरानी होने की वजह से अधिकतर के पार्टस घिस गए थे। इसका वजन भी अधिक था। एक बार फायरिग करने के बाद दुबारा कारतूस लोड करना पड़ता है। इस इस कारण यह राइफल धोखा दे जाती थी। - सुहागनगरी के थानों में उपलब्ध इंसास:
जिले के प्रमुख थानों को उसके क्षेत्र के हिसाब से इंसास राइफल उपलब्ध करा दी गई हैं। सबसे ज्यादा शिकोहाबाद थाने को बीस राइफलें दी गई हैं। इसी तरह अन्य को 15 से 19 तक राइफलें दी गई है। अगली खेप आने पर थ्री नॉट थ्री की फाइनल विदाई होगी।