कोरोना काल में टीबी रोगियों की संख्या 45 फीसद घटी
- प्रमुख कारण मास्क लगाना है धूल के कण फेफड़ों में नहीं पहुंच पा रहे - खांसी-जुकाम व सांस लेने में तकलीफ वाले रोगियों की संख्या में भी गिरावट
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कोरोना काल में टीबी रोगियों की संख्या में भारी कमी आई है। जिला क्षय रोग क्लीनिक में आने वाले खांसी-जुकाम व सांस लेने में तकलीफ वाले रोगी भी घटे हैं। इसकी प्रमुख वजह अधिकतर लोगों द्वारा मास्क लगाना है, इस कारण धूल के कण फेफड़ों में नहीं पहुंच पा रहे।
कोरोना की दहशत के बीच जनता को टीबी से काफी हद तक राहत मिली है। पहले की तुलना में जिला टीबी क्लीनिक और प्राइवेट डॉक्टरों के पास आने वाले इस मर्ज के रोगियों की संख्या में 45 से 50 फीसद तक कमी आई है। जिला क्षय रोग चिकित्साधिकारी डॉ. आरएस अत्येंद्र ने बताया कि कोरोना की शुरूआत से पहले हर तिमाही 1500 से अधिक रोगी आते थे, लेकिन मार्च के बाद यह संख्या घटी है। इस साल जनवरी से मार्च तक सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 1571 रोगी आए थे, लेकिन अप्रैल से जून तक यह संख्या घटकर 525 रह गई।
हालांकि इस दौरान बंदी की वजह से अस्पताल कुछ समय बंद भी रहा था, लेकिन अनलाक में भी स्थिति ठीक रही। जुलाई से सितंबर तक टीबी रोगियों का आंकड़ा 881 ही रहा। डा. अत्येंद्र ने बताया कि ओपीडी में भी पहले खांसी-जुकाम व सांस लेने में दिक्कत वाले रोजाना सौ से अधिक रोगी आते थे, लेकिन इन दिनों यह संख्या भी 60 के आसपास रह गई है। इसकी प्रमुख वजह लोगों का मास्क लगाना है। जिससे धूल के कण सांस नलिका में नहीं पहुंच पा रहे हैं।