फीरोजाबाद के इन बड़े थानों में भी महिला कांस्टेबलों के लिए नहीं अलग शौचालय
थाना उत्तर-दक्षिण में शौचालयों के दरवाजे टूटे अंदर-बाहर गंदगी थाना उत्तर में समस्या अधिक कट्टंी में पानी ले जाना पड़ता है।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: स्वच्छ भारत एक्सप्रेस को दौड़ाने के लिए केंद्र-प्रदेश सरकार और नगर निगम हर साल जिले में कई करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन शहर व ग्रामीण क्षेत्र के कई प्रमुख थानों में महिला कांस्टेबलों के लिए अलग से शौचालय नहीं है। यहां उन्हें पुरुष कांस्टेबलों के शौचालयों का प्रयोग करना पड़ता है। ये शौचालय भी बदहाल हालत में होकर स्वच्छ भारत एक्सप्रेस की हकीकत बयान कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने शासन से प्रदेश के थानों में महिला शौचालय के बारे में जानकारी मांगी है। इस कड़ी में जागरण ने शुक्रवार को जिले के थानों में इसकी पड़ताल की तो तस्वीर मिली-जुली मिली। शहर के उत्तर थाने में दो शौचालय और दो बाथरूम हैं। दोनों शौचालय के दरवाजे कई महीने से टूटे पड़े हैं और नलों में पानी नहीं आता। थाना परिसर में कोई हैंडपंप भी नहीं है जिससे पुलिसकर्मी पानी भरकर शौच जा सकें। शौचालयों के सफाई की भी व्यवस्था नहीं है। दक्षिण थाने में भी यही तस्वीर है। यहां एक दर्जन शौचालय हैं, लेकिन यहां भी कई के दरवाजे टूटे हैं। दक्षिण थाने के शौचालयों के बाहर भी गंदगी रहती है। इसके अलावा पचोखरा, नगला सिघी और एका थाने में भी महिला कांस्टेबलों के लिए अलग से शौचालय नहीं है। महिला और पुरुष कांस्टेबल एक ही शौचालय का प्रयोग करते हैं। वहीं टूंडला थाने में शौचालय की व्यवस्था है तो शिकोहाबाद में थाने के गेट के पास पिक शौचालय नगर पालिका द्वारा बनाया गया है। सिरसागंज थाने में भी शौचालय है। जसराना में महिला बैरिक के पास शौचालय बना है।
- नहीं पड़ती है अधिकारियों की नजर:
पुलिस विभाग के अधिकारी समय-समय थानों का निरीक्षण करते हैं। इस दौरान वे शौचालयों की साफ-सफाई भी देखते हैं, लेकिन इन दोनों थानों में शौचालयों की बदहाली यह साबित करती है कि उनकी नजर इस तरफ नहीं पड़ती।
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जिन थानों में महिला कांस्टेबलों के लिए अलग से शौचालय नहीं हैं, वहां पिक टायलेट का निर्माण कराया जाएगा। जहां गंदगी और बदहाली है, वहां ठीक कराए जाएंगे। इस संबंध में थानों से सूचना मांगी गई है। अजय कुमार पांडेय, एसएसपी