छह महीने सिर्फ नाम के रहेंगे दो सौ ग्राम प्रधान
जिले में खाली हैं ग्राम पंचायत सदस्य के तीन हजार पद कोरम पूरा न होने से नहीं हो पाएगा ग्राम सभा का गठन।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: 25 दिन पहले दैनिक जागरण ने जो आशंका जताई थी। वही हुआ। प्रधान पद के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन और चुनाव पर तो ध्यान दिया, लेकिन ग्राम पंचायत सदस्यों की अनदेखी की। यही अब उनके लिए मुसीबत बनेंगे। तीन हजार ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव न होने से जिले के 564 में से करीब दो सौ नवनिर्वाचित प्रधान छह महीने तक केवल नाम के प्रधान रहेंगे। ग्राम पंचायत में विकास कार्यों का संपादन करने के लिए प्रधान की अध्यक्षता में बोर्ड का गठन होता है। इसमें ग्राम पंचायत सदस्य शामिल होते हैं। जिनकी संख्या आबादी के हिसाब से नौ से 15 तक होती है। बोर्ड गठित होने के लिए दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्यों का चयनित होना जरूरी है, लेकिन जिले की दो सौ ग्राम पंचायतों में इतने सदस्यों का चुनाव नहीं हो सका है। प्रत्याशियों की अनदेखी के चलते नामांकन न होने से पद खाली रह गए हैं।
ऐसे में जब तक उपचुनाव के जरिए ये पद नहीं भर जाएंगे तब तक चयनित प्रधान कोई वित्तीय और प्रशासनिक कार्य नहीं करा सकेंगे। उपचुनाव में छह महीने तक का समय लग सकता है। डीपीआरओ नीरज कुमार सिन्हा ने बताया कि कई ब्लाकों में काफी कम संख्या में ग्राम पंचायतों के बोर्ड गठित हो पाए हैं।
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-564 ग्राम पंचायतें हैं जिले में
-564 ग्राम प्रधानों का हो चुका है चुनाव
-7196 ग्राम पंचायत सदस्य के पद हैं जिले में
-5040 कुल नामांकन हुए थे ग्रापं सदस्य के
- 247 नामांकन हो गए थे निरस्त
- 131 ने नाम वापस ले लिए थे
- 3161 हुए थे निर्विरोध निर्वाचित
- 1501 प्रत्याशियों ने लड़ा था चुनाव
- 3000 पद अब तक खाली होने का अनुमान
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ये है ब्लाकों की स्थिति
ब्लाक -- ग्राम पंचायतों की संख्या -- बोर्ड गठन की स्थिति वाली ग्रापं
- फीरोजाबाद -- 71 -- 52
- जसराना -- 48 -- 29
- टूंडला -- 57 -- 28
- मदनपुर -- 70 -- 21
- हाथवंत -- 71 - 24
- शिकोहाबाद - 75 -- 16