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मंडी शुल्क के विरोध में छठवें दिन भी आंदोलन जारी

- व्यापारियों के आंदोलन से मंडी में पसरा सन्नाटा लाखों का कारोबार प्रभावित - मंडी शुल्क वापस लेने को व्यापारियों ने सीएम के नाम मंडी सचिव को सौंपा ज्ञापन

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 06:34 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 06:34 AM (IST)
मंडी शुल्क के विरोध में छठवें दिन भी आंदोलन जारी

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : कोटला रोड स्थित नवीन मंडी स्थल पर मंडी शुल्क के विरोध में छठवें दिन भी व्यापारियों का आंदोलन जारी रहा। सरकार के खिलाफ व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। आंदोलन के अंतिम दिन व्यापारियों ने मंडी सचिव को ज्ञापन भी सौंपा।

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कोटला रोड स्थित गल्ला मंडी में दो दर्जन से अधिक अनाज की दुकानें हैं। मंडी में एक माह में करीब चार-पांच करोड़ का कारोबार होता है। मंडी शुल्क के विरोध में व्यापारी 21 सितंबर से मंडी बंद रखकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते पिछले छह दिनों में लाखों का कारोबार प्रभावित हुआ है। आंदोलन के अंतिम दिन मंडी स्थल पर आयोजित धरने में अध्यक्ष सुनील पैंगोरिया ने कहा कि दूसरे राज्यों में मंडी शुल्क नहीं लग रहा है। जबकि उप्र में दो फीसद मंडी शुल्क व आधा फीसद विकास शुल्क लिया जा रहा है। महामंत्री महेशचंद्र जैन ने कहा कि मंडी शुल्क के विरोध में कई बार आंदोलन हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने अब तक मंडी शुल्क वापस लेने पर कोई विचार नहीं किया। धरना प्रदर्शन के बाद व्यापारियों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन मंडी सचिव रामकुमार को सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने जल्द मंडी शुल्क समाप्त करने का निर्णय नहीं किया तो अगले चरण में आंदोलन तेज करेंगे। मौके पर संतोष गुप्ता, उमेश गुप्ता, किशन गुप्ता, शिवशंकर गुप्ता, सतीश चंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे। -देश के दूसरे राज्यों में केंद्र सरकार ने मंडी शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया है। जबकि प्रदेश सरकार आज भी व्यापारियों से मंडी शुल्क वसूल रही है। सरकार ने जल्द मंडी शुल्क वापस न लिया तो आंदोलन तेज करेंगे।

- सर्वेश कुमार, व्यापारी - मंडी शुल्क लगने के कारण कारोबार पूरी तरह चौपट हो रहा है। मंडी के अंदर ढाई फीसद शुल्क लगने के कारण किसान बाहर ही अनाज बेच कर चले जाते हैं। सरकार को जल्द शुल्क वापस लेने पर विचार करना चाहिए। -अंबेश गुप्ता, व्यापारी


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