जैन महोत्सव में गूंजे मंत्र, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
सुबह सात से रात तक हुए धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों ने माता-पिता के चरण स्पर्श कर लिया आशीर्वाद
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कोटला रोड स्थित मैदान पर जैनमुनि वसुनंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में ऐतिहासिक जैन मेला महोत्सव का आयोजन हो रहा है। मेला स्थल पर भव्य 25 समवशरण बनाए गए हैं। सुबह सात बजे से ही मेला स्थल पर जिले के अलावा अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जुटना शुरू हो जाती है। गाजेबाजे एवं श्रीजी के जयकारों के साथ चक्रवर्ती, कुबेर और यज्ञ नायकों के साथ श्रद्धालु पूजन करते हैं। सुबह से शाम तक धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
शुक्रवार सुबह से ही मेला स्थल पर आगरा, जयपुर, कानपुर सहित अन्य जिले के सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए। सात बजे इंद्रों द्वारा समवशरण में विराजमान श्रीजी का अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने समवशरण में विधि विधान से अर्घ अर्पित किए। इसके बाद आचार्य श्री वसुनंदी महाराज के प्रवचन और समवशरण में बैठकर दिव्य ध्वनि का कार्यक्रम संपन्न हुआ। दोपहर दो बजे श्री दिगंबर जैन पाठशाला के बच्चों द्वारा माता-पिता का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें एक सैकड़ा से अधिक बच्चों ने अपने माता पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। शाम को गुरू भक्ति एवं सामूहिक आरती और रात्रि में विल्सन जैन केरला द्वारा जादू का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
एक जनवरी को चंद्रवाड़ में होगा महामस्तिकाभिषेक
शुक्रवार शाम को पत्रकारों से वार्ता करते हुए जैनमुनि वसुनंदी महाराज ने बताया कि फीरोजाबाद का चंद्रवाड़ अतिशत क्षेत्र है। यहां प्राचीन काल में 51 पंचकल्याणक महोत्सव संपन्न हुए थे और जैन धर्म की हर तरफ प्रभावना था। चंद्रवाड़ के राजा चंद्रसेन ने मंदिर और प्रतिमाएं स्थापित कराई थीं। अब एक बार फिर से समाज द्वारा मंदिर विकसित किया जा रहा है। एक जनवरी को धूमधाम से महामस्तिकाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें जिले के अलावा आगरा, कानपुर, जयपुर सहित कई जिले के श्रद्धालु भाग लेंगे।
आज के कार्यक्रम
- सुबह सात बजे- श्रीजी का अभिषेक एवं विधान पूजन
- सुबह नौ बजे- आचार्य वसुनंदी महाराज के प्रवचन
- दोपहर दो बजे- युवा सम्मेलन एवं अल्पसंख्यक गोस्ठी
- शाम छह बजे- श्रीजी की सामूहिक महाआरती
- शाम 6.30 बजे- शास्त्र सभा
- शाम सात बजे- भजन संध्या