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जुर्माना ठोंका तो पसीना सूखने से पहले देने लगे मजदूरी

मनरेगा श्रमिकों को तय समय में मजदूरी न देने पर सख्ती मई में तीन जिम्मेदारों ने अदा किया जुर्माना जुलाई में दो निशाने चढ़े।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:02 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:02 AM (IST)
जुर्माना ठोंका तो पसीना सूखने से पहले देने लगे मजदूरी
जुर्माना ठोंका तो पसीना सूखने से पहले देने लगे मजदूरी

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: गगनचुंबी इमारत की नींव मजदूर ही भरते हैं। कंकड़-पत्थर बिछाकर राह भी मजदूर ही बनाते हैं। और, पूरे दिन पसीना बहाकर जब शाम को मजदूरी नहीं मिलती तो रात में उन्हें नींद नहीं आती। एक मजदूर की मजबूरी ही कुछ ऐसी है कि पसीना सूखने से पहले उसे मजदूरी मिल जानी चाहिए। मनरेगा में ऐसा नहीं हो रहा था। निर्धारित 15 दिन के बजाए महीनों तक उनकी मजदूरी सिस्टम में अटकी रहती थी। सख्ती हुई, जिम्मेदारी तय हुई और ठोंक दिया गया जुर्माना। जेब से पैसा अदा करते ही मनमानी बंद हो गई। अब निर्धारित अवधि में मजदूरी मिलने लगी है।

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जिले में तमाम विकास कार्य चल रहे हैं। हजारों मजदूर जुटे रहते हैं। विभागीय पड़ताल में पाया गया कि मजदूरों को समय से उनका मेहनताना नहीं मिल पा रहा है। आला अधिकारी सख्त हुए। पाया गया कि हाथवंत ब्लाक के ब्लाक डवलपमेंट आफिसर (बीडीओ) प्रेमपाल सिंह, अरांव के बीडीओ डा. योगेंद्र सिंह और जसराना के कंप्यूटर आपरेटर हेमंत ने लापरवाही बरती। इन पर मई में जुर्माना लगाया गया। इन्होंने जुर्माना अदा कर दिया। इसी तरह, एका ब्लाक के लेखा सहायक धर्मेद्र और टूंडला ब्लाक के कंप्यूटर आपरेटर जाकिर ने सक्रियता नहीं दिखाई। 29 जुलाई को इन पर भी जुर्माना लगाया गया। जिम्मेदारों पर जुर्माना लगते ही अब मनरेगा मजदूरों को मेहनताना समय से मिलने लगा है। ये लगा जुर्माना

-बीडीओ हाथवंत प्रेमपाल सिंह पर 70 रुपये

-बीडीओ अरांव डा. योगेंद्र सिंह पर छह रुपये

-एका ब्लाक के लेखा सहायक हेमंत कुमार पर 9 रुपये

-जसराना के कंप्यूटर आपरेटर धर्मेद्र कुमार पर 23 रुपये

- टूंडला के कंप्यूटर आपरेटर जाकिर पर छह रुपये बहुत महंगा पड़ेगा ये जुर्माना

जुर्माने की कार्रवाई सेवा पुस्तिका में भी दर्ज की गई। ये लिखापढ़ी प्रोन्नत में बाधा बन सकती है। ये है नियम

- छह दिन काम करने के बाद सातवें व आठवें दिन मजदूरी दे दी जाए।

- 15 दिन में भुगतान न होने पर पांच पैसा प्रतिदिन की दर से जुर्माना ये है प्रक्रिया

ब्लाक कार्यालय पर लेखा सहायक लेखा-जोखा तैयार करते हैं। कंप्यूटर आपरेटर फीडिंग और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सत्यापित करते हैं। बीडीओ फंड ट्रांसफर आर्डर (एफटीओ) जारी करते हैं। इसके बाद मजदूरी की राशि सीधे बैंक खाते में आ जाती है। समय से भुगतान में जिला तीसरे स्थान पर

जिला -- प्रदेश में स्थान

फीरोजाबाद --तीसरा

आगरा --20वां

मैनपुरी--62वां

मथुरा --74वां

------ ये है स्थिति

- 204 रुपये है एक दिन की मनरेगा मजदूरी

- 53,090 एक्टिव जाब कार्ड हैं जिले में

- 49,203 जाब कार्ड धारकों को अब तक दिया जा चुका है काम

- 26,713 मनरेगा श्रमिकों ने सोमवार को किया काम मार्च में समय से भुगतान के मामले में फीरोजाबाद प्रदेश के सबसे खराब पांच जिलों में शामिल था। सख्ती बरती, जिम्मेदारों पर जुर्माना लगाया। जिला अब समय से भुगतान करने वाले जिलों में टाप फाइव में पहुंच गया है।

- चर्चित गौड़, सीडीओ


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