आधे शहर और सौ गांवों में ब्लैक आउट
शुक्रवार से बंद सौ गांवों में बिजली आपूर्ति की कवायद देर रात तक होती रही। अलीगढ़ से केबल मंगाकर डालने का काम चल रहा है। इस कारण आधे शहर और सौ गांवों में अंधेरा छाया रहा।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शुक्रवार से बंद सौ गांवों की बिजली सुधारने की सुध विद्युत विभाग ने शनिवार की शाम को ली तो शहर के भी दर्जनों मुहल्लों में रात दो बजे तक ब्लैक आउट रहा। रात ढाई बजे तक बिजली न आने पर घरों में रखे इन्वर्टर भी जवाब दे गए। लेबर कॉलोनी एवं रामनगर बिजलीघर से जुड़े हुए कई मुहल्लों में लोग रात को सो नहीं सके। ढाई बजे करीब आपूर्ति सुचारू होने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
शुक्रवार शाम को आइवे स्कूल के पीछे 33 केवी की लाइन में अंडरग्राउंड केबल में फॉल्ट होने के बाद में मटसेना, लुहारी के साथ में नगला चूरा सब स्टेशन की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। विभाग शनिवार शाम तक इस पूरे मामले को केबल न होने के नाम पर टालता रहा। क्षेत्र के जेई बबलू गौतम एवं अन्य ने हाथ खड़े कर दिए। सहायक अभियंता रामयज्ञ एवं धर्मेद्र राजपूत को एक्सईएन दुर्गाप्रसाद ने शनिवार दोपहर में क्षेत्र में भेजा तो इन्होंने अपनी टीम को साथ में लेकर कार्य शुरू कर दिया। खुदाई के बाद में इसी केबल से कुछ टुकड़े को निकाल कर फॉल्ट को सही करने के प्रयास किए। इधर 33 केवी लाइन पर काम होने से शहर के लेबर कॉलोनी के साथ में रामनगर सब स्टेशन भी बंद हो गए। इससे इन दोनों सब स्टेशन से जुड़े हुए मुहल्लों में अंधेरा छा गया। रात दस बजे तक बिजली विभाग के अधिकारी आधे से पौन घंटे में आपूर्ति सुचारू होने का आश्वासन देते रहे। ऐसे में बिजली के इंतजार में कई लोगों ने रात 12 बजे तक खाना भी नहीं खाया। इन्वर्टर भी जवाब दे गए। वहीं कई लोग तो रात 12 बजे के बाद लेबर कॉलोनी सब स्टेशन पर भी पहुंच गए।
अफसरों की लापरवाही, उधार मांगना पड़ा केबल बक्सा :
बिजली आपूर्ति देर से सुचारू होने में अधिकारियों की लापरवाही रही। क्षेत्रीय अधिकारी चाहते तो यह काम दिन में भी शुरू हो जाता और रात में जनता को परेशानी नहीं होती, लेकिन अधिकारी केबल एवं केबल बक्सा न होने की आड़ लेकर इसे टालते रहे। ऐसे में दूसरे क्षेत्र के जेई को बुलाकर यहां पर काम शुरू कराया। देर रात में टीम को जब केबल बक्सा की जरूरत पड़ी तो फिर एक जेई ने अपने स्तर से ठेकेदार से केबल बक्सा मंगवाया। 35 हजार के केबल बक्से को जेई अपनी गारंटी पर लाए, हालांकि देर रात में अधिकारियों ने इसका भुगतान कराने का आश्वासन दे दिया।
नेताओं का गांव होने के कारण था विभाग पर दबाव :
देर शाम को काम शुरू कराने के पीछे विभाग पर राजनैतिक दबाव भी बताया जाता है। सौ गांवों में दो-तीन गांवों की आपूर्ति के शुरू कराने के लिए विभाग पर लगातार फोन आ रहे थे। भाजपा जिलाध्यक्ष का गांव भी इन्हीं फीडर पर पड़ता है तो एक जनप्रतिनिधि का क्षेत्र होने के कारण उनका गांव भी इनमें शामिल था। ऐसे में जब शनिवार दोपहर तक आपूर्ति सुचारू नहीं हुई तो नेताओं ने फोन मिलाए। इस पर शाम को टीम को फिर से लगाया।