वोटिग में पुरुष मतदाता फर्स्ट डिवीजन पास
फीरोजाबादजागरण संवाददाता। लोकतंत्र का उत्सव मनाने में पुरुष मतदाता अव्वल साबित हुए। उन्होंने 61.72 फीसद वोट डाले जबकि महिलाएं 58.08 फीसद के साथ दो कदम पीछे रह गईं। थोड़े से संशोधन के साथ जिले का कुल मतदान भी 60.03 फीसद हो गया है।
फीरोजाबाद,जागरण संवाददाता। लोकतंत्र का उत्सव मनाने में पुरुष मतदाता अव्वल साबित हुए। उन्होंने 61.72 फीसद वोट डाले, जबकि महिलाएं 58.08 फीसद के साथ दो कदम पीछे रह गईं। थोड़े से संशोधन के साथ जिले का कुल मतदान भी 60.03 फीसद हो गया है।
प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी जिले का मतदान फीसद काफी कम रहा। इस कारण 2014 के लोकसभा चुनाव में हुए 67.60 और 2017 के विधानसभा चुनाव में हुए 66.07 मतदान का आंकड़ा भी नहीं छुआ जा सका। प्रशासन के आंकड़े बताते हैं कि जिले के कुल 17.85 लाख में से महज 10.71 लाख मतदाताओं ने ही अपनी जिम्मेदारी निभाई। ऐसा तब है जबकि इस बार महिला और दिव्यांगजनों के वोट विशेष रूप से बनाए गए और उन्हें बूथों पर अतिरिक्त सुविधाएं भी दी गईं। वैसे तो पूरे जिले में ही महिलाएं मतदान में पीछे रहीं, लेकिन विधानसभावार तुलना की जाए तो फीरोजाबाद शहर की महिलाएं पूरे जिले में सबसे पीछे रहीं। फीरोजाबाद में सबसे कम 1.85 लाख महिलाओं में से मात्र 97 हजार 850 महिलाओं ने ही मतदान किया।
घर से नहीं निकले 40 फीसद वोटर:
कारण चाहे जो रहे हों, लेकिन हकीकत यही है कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में जिले के 40 फीसद मतदाताओं ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। वे मतदान के लिए घरों से ही नहीं निकले। जबकि इस बार वीवीपैट जैसी सुविधा भी चुनाव आयोग ने दी थी। जिससे बूथ के अंदर ही इस बात की पुष्टि हो रही है कि जिस प्रत्याशी को वोट दिया है वोट उसी को गया है या नहीं। नोट का विकल्प भी ईवीएम में पहले से मौजूद था।
थर्ड जेंडर ने नहीं दिखाई रुचि, महज दो पहुंचे वोट डालने:
मतदान में थर्ड जेंडर भी उदासीन रहा। जिले में कुल 91 मंगलामुखियों के वोट बनाए गए थे, लेकिन मात्र दो ने ही मतदान किया। इनमें एक टूंडला और फीरोजाबाद विस का मंगलामुखी शामिल है।