डॉक्टर दंपती के बेटे ने बंगलुरू हॉस्टल में की खुदकशी
फीरोजाबाद जासं। सुहाग नगरी के डॉक्टर दंपती के बेटे ने गुरुवार को बंगलुरू स्थित लॉ कॉलेज के हॉस्टल में पंखे से लटक कर खुदकशी कर ली। तीन दिन बाद दरवाजा तोड़कर शव को निकाला गया। शव बुरी तरह सड़ने के बाद डॉक्टर दंपती ने सोमवार को वहीं अंतिम संस्कार कर दिया। मौत की वजह साफ नहीं हो सकी है।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सुहाग नगरी के डॉक्टर दंपती के बेटे ने गुरुवार को बंगलुरू स्थित लॉ कॉलेज के हॉस्टल में पंखे से लटक कर खुदकशी कर ली। तीन दिन बाद दरवाजा तोड़कर शव को निकाला गया। शव बुरी तरह सड़ने के बाद डॉक्टर दंपती ने सोमवार को वहीं अंतिम संस्कार कर दिया। मौत की वजह साफ नहीं हो सकी है।
आगरा सीएमओ कार्यालय में पदस्थ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार भारती और फीरोजाबाद जिला महिला अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर मंजू भारती का परिवार नगला मिर्जा रामगढ़ में रहता है। उनका 22 वर्षीय पुत्र कनिष्क भारती बंगलुरू स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी का छात्र था। पिता डॉ. वीरेंद्र कुमार बीते गुरुवार से ही बेटे से मोबाइल पर बात करना चाह रहे थे, लेकिन कॉल रिसीव न हुई।
इसके बाद पिता ने उसके दोस्त से कनिष्क से फोन पर बात कराने को कहा। दोस्त कनिष्क के पास गया तो उसका कमरा अंदर से बंद था। इसके बाद वह लौट आया। अगले दिन गया तो फिर कमरा बंद मिला। उसने गेट बजाया और आवाज भी लगाई, मगर कोई जवाब नहीं मिला। इस दौरान उसे कमरे से दुर्गंध महसूस हुई। उसने खिड़की से अंदर झांका तो कनिष्क का शव पंखे पर लटका दिखा। इसी के साथ परिवार में कोहराम मच गया। डॉ. कुमार के अनुसार, बेटे का दाह संस्कार कर दिया गया। उसका मोबाइल और डायरी पुलिस ने कब्जे में ले ली है। नौ मार्च को छुट्टियां बिताकर गया था
कनिष्क एक माह की छुट्टी लेकर यहां अपने घर आया था। उनके पिता ने बताया कि वह नौ मार्च को बंगलुरू गया था। इसके कुछ दिन बाद ही उसने आत्महत्या कर ली। इसका कारण वह नहीं बता सके। डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि कनिष्क का शव तीन दिन तक हॉस्टल के कमरे में सड़ता रहा, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उसकी खोज-खबर नहीं ली। यह संवेदनहीनता को दर्शाता है।