कहीं ये जर्जर स्कूल करा न दे हादसा, अधिकारी मौन
राजीव शर्मा, शिकोहाबाद। वर्ष 1955 से किराए के भवन में चल रहे परिषदीय स्कूल स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा रहा है। यहां न शौचालय है और न ही पीने को पानी। स्कूल के समीप गंदगी बिखरी हुई है। मगर अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे, शायद उन्हें हादसे का इंतजार है।
राजीव शर्मा, शिकोहाबाद (फीरोजाबाद): वर्ष 1955 से किराए के भवन में चल रहे परिषदीय स्कूल को लेकर विभाग हर माह 60 रुपये किराया तो देता है, मगर यहां की जरूरतों का ध्यान नहीं है। भवन खंडहर हो चुका है। शौचालय है और न पीने के लिए पानी। पूरे नगर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान में सक्रियता निभाने वाला ये स्कूल गंदगी से बेहाल है।
स्टेशन रोड किनारे मेहराबाद स्थित बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल नंबर चार के हालात ऐसे ही हैं। स्वच्छ भारत मिशन की रैलियों में इस स्कूल के बच्चे भी शामिल होते रहे हैं, शौचालय बनवाने के नारे लगाते हैं, लेकिन उनके खुद के स्कूल में शौचालय नहीं है। ऐसा तब है जब शिकोहाबाद को जिले की सबसे स्वच्छ नगर पालिका का तमगा मिला हुआ है। यहां बच्चों को शौच के लिए उनके घर भेज दिया जाता है।
दो कमरों के इस स्कूल में पीने का पानी और रसोई भी नहीं है। आंगन में गोबर का ढेर लगा है। भवन खंडहर हो चुका है। बिजली कनेक्शन नहीं है। गर्मियों में बच्चे पसीना बहाते हुए पढ़ते हैं। एमडीएम खाने के बाद बच्चे बाहर सड़क पर लगे हैंडपंप पर जाकर पानी पीते हैं। शिक्षा विभाग भवनस्वामी को हर माह 60 रुपये किराए के रूप में देता है। इतने कम किराए की वजह से भवन स्वामी ने वर्षों से इसकी पुताई तक नहीं कराई है।
नाले पर बेंच रखकर बनाया है रास्ता: पिछले दस वर्षो से यहीं तैनात प्रधानाध्यापक रामशंकर बताते हैं कि स्कूल में 42 बच्चे हैं और पढ़ाने को हम अकेले। एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी है। शौचालय न होने के कारण दूर के बच्चे दाखिला नहीं लेते। अधिकारियों ने नहीं सुनी तो एक बेंच को नाले पर रखकर बच्चों के लिए रास्ता बनाया गया है।
जसराना विधायक भी पढ़े हैं यहां: जसराना से भाजपा विधायक रामगोपाल उर्फ पप्पू लोधी के आवास से ये स्कूल चंद कदमों की दूरी पर है। विधायक भी इसमें कक्षा एक और दो में पढ़े हैं। विधायक रामगोपाल ने 'जागरण' से कहा कि वे स्कूल के हालात सुधारने का प्रयास करेंगे।