धीरपुरा में नहीं चमकी विकास की किरण, राहों में गड्ढे
टूंडला संवाद सहयोगी। गांव धीरपुरा में अब तक कई जनप्रतिनिधि बदले, मगर यहां की किस्मत नहीं बदल सकी। आज भी यहां बदहाली है। गलियों में गड्ढे हैं, नालियां न होने से जलभराव हो जाता है।
संवाद सहयोगी, टूंडला: सावधान, अगर आप धीरपुरा जा रहे हैं तो जरा ठहरें। यहां तो मुख्य रोड पर ही गहरे गड्ढे हैं। नालियां न होने से घरों का पानी भी रोड पर भर रहा है। आवागमन बाधित हो गया है। बच्चे और बुजुर्ग गिरकर चुटैल हो रहे हैं, मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
तहसील से करीब 14 किलोमीटर दूर गांव धीरपुरा है। अब तक कई जनप्रतिनिधि बदल चुके हैं, मगर यहां के विकास की तस्वीर नहीं बदल पाई है। यहां नालियां न होने से घरों का पानी गलियों और मुख्य रोड पर भरा रहता है। मुख्य सड़क पर तक गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिसमें पानी भरा रहता है। दलदल जैसी स्थिति बन चुकी है। यहां से निकलना खतरे से खाली नहीं है। आए दिन स्कूली बच्चे एवं ग्रामीण कीचड़ में गिरकर चुटैल हो जाते हैं। इस ओर ग्राम प्रधान द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। अब तक गांव के हालात नहीं बदले जा सके हैं।
गांव में कोई विकास कार्य नहीं कराया गया है। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर भरा रहता है। निकलना मुश्किल हो रहा है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। विधायक चुनने के बाद यहां मुड़कर नहीं देखते।
-अजीत ¨सह, धाकरे, ग्रामीण।
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पानी की निकासी के गांव में कोई इंतजाम नहीं हैं। पानी भरने से सड़क ने दलदल का रूप ले लिया है। बच्चों को गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। आए दिन कोई न कोई गिरता रहता है।
-उपेंद्र ¨सह, ग्रामीण।
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योगी सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने की बात कही थी, लेकिन आज तक यहां कुछ नहीं हुआ। अन्य विकास कार्य गांव में कहीं नजर नहीं आते।
-राजेश यादव, ग्रामीण।
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