यहां भी करोड़ों के भुगतान को भटक रहे ठेकेदार
फीरोजाबाद जागरण संवाददाता। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भुगतान न होने पर चीफ इंजीनियर के सामने ठेकेदार द्वारा गोली मारकर खुदकशी की सनसनी घटना से प्रदेश भर में खलबली मची है। फीरोजाबाद में भी करोड़ों का भुगतान अटकने के बाद दर्जनों ठेकेदार भटक रहे हैं। शासन-प्रशासन की अनदेखी से यहां भी ऐसी घटना हो सकती है। जिम्मेदार अधिकारी भी पीड़ित ठेकेदारों की बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भुगतान न होने पर चीफ इंजीनियर के सामने ठेकेदार द्वारा गोली मारकर खुदकशी की सनसनी घटना से प्रदेश भर में खलबली मची है। फीरोजाबाद में भी करोड़ों का भुगतान अटकने के बाद दर्जनों ठेकेदार भटक रहे हैं। शासन-प्रशासन की अनदेखी से यहां भी ऐसी घटना हो सकती है। जिम्मेदार अधिकारी भी पीड़ित ठेकेदारों की बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
नगर पालिका(अब नगर निगम) द्वारा वित्तीय वर्ष 2007 से 2010 तक ठेकेदारों से करोड़ों के कार्य कराए गए। निर्माण कार्य पूरे होने के बाद भी ठेकेदारों का भुगतान नहीं किया। चार दर्जन से अधिक ठेकेदारों का 35 करोड़ से अधिक भुगतान फंस गया। शासन द्वारा तत्कालीन पालिका अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज किए जाने से ठेकेदारों की मुश्किल बढ़ गई। करोड़ों के भुगतान के लिए ठेकेदार दर-दर ठोकरें खाते रहे। ठेकेदारों के सामने भूखों मरने की नौबत आई गई। 2014 में नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली। इससे कहीं सुनवाई न होने पर कुछ ठेकेदारों ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी भुगतान नहीं हुआ। ठेकेदार विजय सिंह द्वारा बकाया भुगतान के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक गुहार लगाई। लोकायुक्त के यहां रिट दाखिल कर चुके हैं, परंतु अब तक भुगतान नहीं हो सका।
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दो बार भूख हड़ताल कर चुके हैं ठेकेदार
करोड़ों के भुगतान की मांग को लेकर ठेकेदार परिवार के साथ दो बार नगर निगम के गेट पर भूख हड़ताल कर चुके हैं। 10 अप्रैल को विजय सिंह, राजबहादुर, मेवाराम, प्रताप सिंह, रामचंद्र, रामदुलारी, सत्यप्रकाश सहित कई ठेकेदार भूख हड़ताल पर बैठे। दो दिन की भूख हड़ताल में कई महिलाओं की हालत बिगड़ गई, जिससे प्रशासन में खलबली मच गई। सिटी मजिस्ट्रेट, भाजपा महानगर के आश्वासन पर भूख हड़ताल समाप्त हुई। इसके बाद भी भुगतान नहीं हुआ तो ठेकेदार परिवार सहित 27 अप्रैल से फिर भूख हड़ताल पर बैठे। पूर्व नगर आयुक्त जितेंद्र कुमार के आश्वासन भी हड़ताल समाप्त हो सकी।
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कई कर गए पलायन, पांच ठेकेदारों की हो चुकी है मौत:
पालिका बोर्ड में ठेकेदारों ने करोड़ों का कार्य कराया गया। बैंक से करोड़ों का कर्जा लेकर ठेकेदारों ने काम करा दिए। निर्माण कार्यों का भुगतान न होने से कई ठेकेदारों के मकान तक बिक गए। तो कई ठेकेदार इलाज कराने को भी तरस गए। करोड़ों का भुगतान फंसने के कारण कई ठेकेदार शहर से पलायन कर गए। वहीं इलाज के लिए पैसा न होने के कारण अब तक हाकिम सिंह, रामजीलाल, अखिल गोला सहित पांच ठेकेदारों की मौत हो चुकी है।
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मेडिकल कॉलेज के ठेकेदार भी बैठे भूख हड़ताल पर
जलेसर रोड पर करोड़ों के बजट से मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। 35 मेटेरियल सप्लायर्स, 40 लेबर ठेकेदारों का 8.85 करोड़ का भुगतान फंस गया। करोड़ों के भुगतान की मांग को लेकर मेटेरियल सप्लायर्स भी मेडिकल कॉलेज में भूख हड़ताल कर चुके हैं। करोड़ों का भुगतान होने न होने से श्रमिकों का भुगतान नहीं हो सका है। सांसद के आश्वासन पर भूख हड़ताल समाप्त हो गई, अबतक उनका भुगतान नहीं हो सका है। 'ठेकेदारों का भुगतान नगर पालिका के कार्यकाल का है। कई पत्रावलियां गायब हैं और कई में सक्षम अधिकारियों के हस्ताक्षर भी नहीं है। इसके कारण भुगतान नहीं किया जा सकता।' विजय कुमार नगर आयुक्त