फर्जी जाति प्रमाण पत्र से सहायक अध्यापक बना देवेश बर्खास्त
गड़रिया के स्थान पर बनवा लिया था धनगर जाति का प्रमाण पत्र एबीएसए कराएंगे मुकदमा दर्ज सरकारी धनराशि की होगी रिकवरी।
संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद: फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी पाने वाले देवेश सिंह को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। उसके खिलाफ शिकोहाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए सरकारी धनराशि की रिकवरी की जाएगी।
शिकोहाबाद के स्वामी नगर निवासी देवेश सिंह का वर्ष 2008 में विशिष्ट बीटीसी में चयन हुआ था। उसकी छह जून 2011 को मदनपुर ब्लाक के प्राथमिक स्कूल रजौरा में सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती हुई। मार्च 2020 में मनीषा नाम की महिला ने सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी से शिकायत की थी कि देवेश सिंह ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल की है। वर्तमान में वह टूंडला के प्राथमिक स्कूल ठारखूबी में तैनात है।
जिला कमेटी ने उसे बारी-बारी से पांच नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। शिकोहाबाद तहसीलदार से उसके जाति प्रमाण पत्र की जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने उसका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। बीएसए डा. अरविद पाठक ने बताया कि देवेश सिंह गड़रिया है, जबकि उसने धनगर का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल कर ली थी। उसे बर्खास्त कर दिया है। एबीएसए को शिकोहाबाद थाने में उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराने के साथ ही सरकारी धनराशि की रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं।
अब तक 11 शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त: एसआइटी के अलावा सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कर रही है। फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी पाने वाले अरविद सिंह, सतेंद्र कुमार, निशि, विवेक उपाध्याय, कपिल सहित आठ फर्जी शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। वहीं हमीरपुर में तैनात हमनाम के दस्तावेजों से शिकोहाबाद के प्राथमिक स्कूल सुजावलपुर की प्रधानाध्यापिका हेमलता और एका के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय सहित फर्रुखाबाद और अलीगढ़ में नौकरी करने वाली संध्या द्विवेदी बर्खास्त हैं।