एसटीपी से स्वच्छ होगी यमुना, घटेगा प्रदूषण
सोफीपुर में प्लांट निर्माण का कार्य पूरा यूनिटों की शुरू हुई टेस्टिंग यमुना में दूषित पानी रोकने को टेप होंगे रहना मालवीय नगर के नाले
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सुहागनगरी में बहने वाली यमुना सालों से दूषित पानी का दंश झेल रही है। शहर के दो प्रमुख नालों के जरिए हर रोज हजारों लीटर दूषित पानी यमुना तक पहुंच रहा है। सोफीपुर में करोड़ों के बजट से बनकर तैयार हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से यमुना को स्वच्छ करने की तेजी से कवायद चल रही है।
जलनिगम द्वारा सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सोफीपुर में 70 एमएलडी का एसटीपी प्लांट तैयार कराया गया है। 202 करोड़ के प्रोजेक्ट में जलनिगम ने 164 करोड़ का बजट खर्च कर दिया, लेकिन प्लांट चालू नहीं हो सका। बजट के अभाव में साल भर से काम बंद पड़ा हुआ था। अवशेष कार्य पूरा करने को जलनिगम को 38.75 करोड़ की जरूरत थी। सदर विधायक मनीष असीजा के प्रयास के चलते शासन द्वारा सितंबर माह में आठ करोड़ का बजट जारी किया गया। करोड़ों का बजट मिलने के बाद जलनिगम द्वारा इनलेट चैंबर, डायजेस्टर, गैस डोम सहित सभी यूनिटों की टेस्टिंग शुरू करा दी है।
इधर एनजीटी के निर्देश पर जलनिगम द्वारा यमुना नदी को स्वच्छ बनाने के लिए रहना व मालवीय नगर नाले को टेप करने की योजना बनाई गई है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत नाला टेप करने को 71.5921 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत हो गया है। योजना के तहत दोनों नालों को टेप कर एसटीपी तक ले जाया जाएगा। यहां पानी को मानक के अनुरूप स्वच्छ करने के बाद यमुना में छोड़ा जाएगा।
---------
इन दो नालों से यमुना में पहुंच रहा दूषित पानी
पहला नाला सरक्यूलर रोड, मोहल्ला गंज, मालवीय नगर, बासठ, मुस्तफाबाद से होते हुए यमुना नदी में गिरता है। दूसरा प्रमुख नाला महादेव नगर से शुरू दखल, झील की पुलिया, रहना, हिमायूंपुर, मुरली नगर सीवर पंपिग स्टेशन, लेबर कालोनी, दतौजी होते हुए यमुना नदी में जाता है। इन दोनों नालों से हर रोज 55 (एमएलडी) पहुंच रहा है, जिससे यमुना में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
-------
- शासन ने एसटीपी के लिए गत माह आठ करोड़ का बजट जारी किया है, जिससे एसटीपी प्लांट की यूनिटों की टेस्टिग कराई जा रही है। टेस्टिग का कार्य पूरा होने के साथ रहना व मालवीय नगर नाले को टेप कर एसटीपी तक लाया जाएगा। यहां पानी को शुद्ध करने के बाद यमुना में छोड़ा जाएगा, जिससे यमुना का प्रदूषण कम होगा।
- ओमवीर दीक्षित, अधिशाषी अभियंता जलनिगम