मिला नहीं पार्थ, पुलिस ने लगा दी एफआर
रिश्तेदार समेत पांच लोग ले गए थे पैठ इसके बाद नहीं लौटा घर ढूंढने को स्वजन ने किए हर जतन नहीं चला लाडले का पता।
संवाद सहयोगी, नारखी: 20 अक्टूबर 2017 की देर शाम सात बजे पैठ (बाजार) से अपहृत सात साल के पार्थ का पता नारखी पुलिस अब तक नहीं लगा पाई है। स्वजन अपने स्तर से लाडले को ढूंढ रहे हैं, उन्हें उसके घर लौटने की आस है, जबकि पुलिस फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा चुकी है।
गांव जाखई निवासी सतेंद्र पाल सिंह के पुत्र पार्थ को पांच लोग गांव की पैठ में ले गए थे। इसमें एक उसका रिश्तेदार मामा शामिल था। इसके बाद वह घर नहीं लौटा। मां सीमा देवी ने बताया कि पांचों लोगों ने उनके बेटे को गोलगप्पे खिलाए, इसके बाद उसे ट्रेक्टर पर बिठाकर कहीं ले गए। बच्चे की तलाश में स्वजन पुलिस के साथ औरैया निवासी रिश्तेदार व उसके साथ आए लोगों के घर गए। मथुरा, आगरा, चंडीगढ़, हरियाणा, कानपुर में भी तलाश की गई। पार्थ के फोटो वाले पंपलेट, पोस्टर चस्पा कराए गए, लेकिन उसका सुराग नहीं लगा।
पुलिस ने मामा से पूछताछ भी की, लेकिन नतीजा नहीं निकला। घटना के 90 दिन तक पुलिस उनसे मिलती रही, इसके बाद बात करना बंद कर दिया। दादी विमला देवी पार्थ को गायब करने का आरोप अपने औरैया निवासी रिश्तेदार पर अब भी लगाती हैं। वहीं इंस्पेक्टर नारखी केके तिवारी ने बताया मुकदमे में 15 अप्रैल 2019 को एफआर लगा दी गई है। अगर कोई जानकारी मिलती है तो दोबारा से जांच की जाएगी। जब तक रुपये थे, पुलिस ने साथ दिया
स्वजन बताते हैं, जब तक उनके पास खर्च करने के लिए रुपये थे, पुलिस ने साथ दिया। इसके बाद पुलिस न तो उनके घर आई न ही थाने पर बुलाकर पार्थ को ढूंढने के बारे में जानकारी दी। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था पार्थ
चूड़ी जुड़ाई का काम करने वाले सतेंद्र पाल सिंह ने बताया कि उनका पुत्र पार्थ तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। पुलिस के साथ ज्योतिषों के पास गए, उनके बताए उपाय किए गए लेकिन बेटे का पता नहीं चला है।