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स्वदेशी राखियों की डोर से गुलजार हुआ बाजार

रक्षाबंधन का पर्व करीब आने के साथ ही सुहाग नगरी में राखियों की आवक हो गई है। स्वदेशी राखियों की अधिक डिमांड है। बाजार गुलजार हो गए हैं। जमकर खरीदारी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 10:49 PM (IST)
स्वदेशी राखियों की डोर से गुलजार हुआ बाजार

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: रक्षाबंधन का पर्व करीब आने के साथ ही सुहाग नगरी में राखियों की दुकानें सज गई हैं। इस बार बाजार में बाइक, घड़ी, म्यूजिक और लाइट समेत अनेक नई वैरायटी की राखियां ग्राहकों का मन मोह रही हैं। बच्चों को शार्पनर और कार्टून वाली पसंद आ रही हैं। खास बात यह कि इस साल चाइनीज राखियां मार्केट में काफी कम नजर आ रही हैं। बहनों की पहली पसंद स्वदेशी राखी बनी हुई हैं।

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रक्षाबंधन का पर्व अब करीब है। इसलिए सदर बाजार रोड, कोटला और सुहाग नगर समेत अनेक क्षेत्रों में दुकानें सज गई हैं। भारत और चीन के बीच रिश्तों में मिठास की कमी कही जाए या स्वदेशी की डिमांड, दुकानों पर चाइनीज उत्पाद कम नजर आ रहा है। परंपरागत रेशम के धागे तो भाइयों की कलाइयों पर बांधे ही जाएंगे, स्वदेशी नई वैरायटी भी बहनों की पसंद बनी हुई है। इस साल बाजार में उपलब्ध बाइक राखी पर बाइकर यानी प्लास्टिक का बाइक सवार बना हुआ है। लाइट वाली राखी को दबाने पर रोशनी निकल रही है तो लाइट-म्यूजिक वाली का बटन दबाने पर कुछ देर रोशनी और धुन निकलती है। शार्पनर की खासियत यह कि छोटे बच्चे इसे कलाई पर बंधवाने के साथ ही इससे पेंसिल भी गढ़ सकते हैं। अनेक पर तरह-तरह के कार्टून और फोटो भी बने हुए हैं। छोटे भाइयों को बांधने के लिए बहनें इन्हें पसंद कर रही हैं। इनकी कीमत दस रुपये से लेकर 40 रुपये तक है। बड़ों के लिए ब्रॉसलेट और घड़ी की चेन वाली राखी पसंद की जा रही है।

- मुंबई, गुजरात और कोलकाता में बनी राखियों की भरमार

-सदर बाजार में राखी विक्रेता जतिन और लकी ने बताया कि मुंबई, गुजरात और कोलकाता में बनी राखियों की यहां भरमार है। इनकी खासियत यह कि इनके रेशम के धागे मजबूत होते ही हैं, इन पर मोतियों की कारीगरी भी मन मोह लेती है। इनकी खूबसूरती के समक्ष चाइनीज राखियां नहीं टिकतीं। स्वदेशी के दाम भी कम होते हैं।

- रेलवे स्टेशन रोड डाक घर में रजिस्ट्री शुरू-

रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित डाक घर में 5 दिन से राखी वाले पैकटों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी, परंतु गुरुवार से इसकी शुरूआत हो गयी। अब आसपास की जनता को मुख्य डाकघर नहीं जाना पड़ेगा। मुख्य डाकघर में पूरे दिन राखी भेजने वाले लोगों की लाइन लगी रही।

- प्लास्टिक कोटेड लिफाफे पहली पसंद

-राखी भेजने के लिए बाजार में प्लास्टिक कोटेड लिफाफे खरीदारों की पहली पसंद बने हुए हैं। इन लिफाफों के अंदर प्लास्टिक लगा हुआ है। इस कारण बारिश के पानी में इनके भीगने का डर नहीं रहेगा। अधिकतर लोग इसे ही खरीद रहे हैं।

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