्रचपरासी बने बाबू तो ऑपरेटर कर अधीक्षक
फीरोजाबाद: नगर निगम बनने से पूर्व नगर पालिका के कार्यकाल में वेतन वृद्धि का खेल खूब चला। अधिका
फीरोजाबाद: नगर निगम बनने से पूर्व नगर पालिका के कार्यकाल में वेतन वृद्धि का खेल खूब चला। अधिकारियों से सांठगांठ कर कई चपरासी बाबू बन गए तो कई नलकूप ऑपरेटर से कर अधीक्षक सहित अन्य पदों पर विराजमान हो गए। वर्षों से निर्धारित से अधिक वेतनमान लेकर सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। गुरुवार को डीएम ने तीन संग्रहकर्ताओं पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी तो अन्य कर्मचारियों में खलबली मच गई है।
नगर निगम में तैनात आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी नगर पालिका कार्यकाल में दैनिक भत्ते पर नलकूप ऑपरेटर और चपरासी के पद पर नियुक्त हुए थे, लेकिन इन्होंने तत्कालीन अधिकारियों से सांठगांठ कर ली। अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण संबंधित कर्मचारी निर्धारित समय से पहले ही नियमित हो गए और उन्होंने वेतन वृद्धि भी करा ली। हालांकि इस संबंध में कई बार शासन तक शिकायतें हुई, लेकिन पालिका में आते-आते यह ठंडे बस्ते में पहुंच गई।
चार अगस्त 2014 को नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिल गया। फिर भी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी। अब डीएम नेहा शर्मा के हाथों में कमान हैं। गुरुवार को डीएम के संज्ञान में कर विभाग के तीन संग्रहकर्ताओं छकौड़ीलाल, वेदप्रकाश और नारायन प्रताप का मामला आया तो उन्होंने कार्रवाई करने के निर्देश दिए, तो अन्य कर्मचारियों में भी खलबली मच गई है। अगर सूत्रों की मानें तो संबंधित कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं की जांच कराई जाए तो इस खेल की पोल खुल सकती है।
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घर बैठे कर्मियों का निकल रहा वेतन
नगर निगम में कई कर्मचारी बेखौफ हैं। अधिकारियों की मेहरबानी के चलते वे कार्यालय न आकर घर के कामकाज निपटाने में जुटे रहते हैं। उनका प्रतिमाह वेतन आसानी से निकल रहा है।