जायद फसलों की सिचाई का संकट, किसान बेहाल
जागरण संवाददाता फतेहपुर जायद फसलों की सिचाई का संकट आ खड़ा हुआ है। इससे किसान बे
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जायद फसलों की सिचाई का संकट आ खड़ा हुआ है। इससे किसान बेहाल है और आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। स्थिति यह है कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया तो किसी भी वक्त किसान आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं। विभागीय अधिकारी लोकसभा चुनाव में लगा दिए जाने का बहाना करके किसानों की समस्या से मुंह मोड़े हुए हैं। वहीं सरकारी और गैर सरकारी नलकूप भी बड़ी संख्या में बिगड़े पड़े हैं। जिले में जायद की फसलें पानी संकट बढ़ने से सूखने के कगार पर हैं और इन्हें बचाने के लिए किसान जूझ रहे हैं। किसान सिचाई विभाग के अधिकारियों से मिलने शनिवार को दफ्तर आए थे, लेकिन नहीं मिले इससे उनमें जबर्दस्त आक्रोश है।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
-एक पखवारे से नहरों में पानी का संकट है। जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी एक वजह यह है कि गर्मी बढ़ने से पानी का संकट गहरा गया है। हालांकि नहरों में पानी छोड़े जाने और सरकारी व गैर सरकारी नलकूपों को दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- महेंद्र सिंह, नोडल अधिकारी सिचाई
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क्या कहते हैं किसान
- भाकियू के जिलाध्यक्ष राजकुमार गौतम ने कहा कि नहरों और नलकूपों से मांग के अनुरूप जलापूर्ति न होने से किसानों की फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है। इससे जायद की फसलें प्रभावित हैं। वहीं गाजीपुर के किसान रामभजन, असोथर के शिवबली, सनगांव के मो. कलीम समेत कई किसानों का कहना था कि यदि जलापूर्ति नहीं दुरुस्त की गई तो फसलें सूख जाएंगी। और इसके लिए सिचाई विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
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जायद फसलें : सब्जियां समेत अन्य फसलें
बोई गई हैं : 6 हजार एकड़
पानी की डिमांड: 1100 -1400 क्यूसेक
चालू हालत में सरकारी नलकूप-348
खराब नलकूप- 185