जर्जर सड़कें बनी यमदूत, पांच साल से बजट का इंतजार
जागरण संवाददाता फतेहपुर वैसे तो जनपद की 22 से अधिक छोटी-बड़ी सड़कें काफी समय से ज
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : वैसे तो जनपद की 22 से अधिक छोटी-बड़ी सड़कें काफी समय से जर्जर हैं। बारिश में इनपर आवागमन और भी मुश्किल हो गया है। मरम्मत के लिए साढ़े तीन करोड़ के बजट की आवश्यकता है, लेकिन विभाग को अब तक डेढ़ करोड़ रुपये ही मिला, वह भी किस्तों में, जिससे मरम्मत का काम अधर में लटका रहा है।
केस-1: बांदा -टांडा मार्ग का बाईपास पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। इसमें जेल, नई तहसील, पीसीएफ गोदाम, राधानगर चौराहे के पास सड़क पूरी तरह के उखड़ गई है, बारिश के दिनों में तो हालत बहुत ही खराब है, लेकिन इसका निर्माण पांच वर्ष से नहीं कराया गया है।
केस-2: कुशुंभी-थरियांव मार्ग बीते पांच वर्ष पूरी तरह से ध्वस्त है। इसके निर्माण के लिए क्षेत्र की जनता ने धरना-प्रदर्शन तक किया। सांसद साध्वी निरंजन ज्योति व विधायक विकास गुप्ता को भी कई बार दुखड़ा सुनाया। तब जाकर शासन ने करीब एक वर्ष पहले 8 करोड़ रुपये स्वीकृत किए पर अब तक मात्र 2 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं, जिससे निर्माण अधर में लटका है।
ओवरलोडेड वाहनों बने दुश्मन
लोक निर्माण विभाग के नोडल अधिकारी आरडी सोनकर कहते हैं कि मौरंग व गिट्टी लदे ओवलोडेड ट्रकों के दौड़ने से ध्वस्त हुए हैं। इन पर वाहनों पर अंकुश न लगाने पर सड़कें उखड़ गई हैं। हालांकि इन मार्गों पर ओवरलोडेड हैवी वाहनों के संचालन पर अंकुश लगाने के लिए डीएम को 3 माह पहले पत्र लिया था पर अभी तक नियंत्रण नहीं लगा।
स्वीकृत 34 करोड़, नहीं हुआ टेंडर
गाजीपुर-किशुनपुर मार्ग के लिए शासन से करीब पांच माह पहले 34 करोड़ रुपये स्वीकृत किया था, जिसमें 6 करोड़ रुपये कार्यदायी संस्था को मिले, लेकिन सड़क की बदहाल स्थिति को देखते हुए इस मार्ग के लिए टेंडर नहीं पड़े हैं।
20 से अधिक की जा चुकी है जान
बीते एक वर्ष में इन जर्जर मार्गों पर यात्रा करने के दौरान 20 लोग की जान जा चुकी है, जबकि 400 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं।
यह मार्ग हैं खस्ताहाल
इनमें बांदा-टांडा, खागा-धाता मार्ग, कुसुंभी-थरियांव, जहानाबाद-बकेवर व धाता-विजईपुर पूरी तरह से उखड़ा हुआ है।