भुखमरी से परेशान महिला ने मांगी इच्छा मृत्यु
जागरण संवाददाता फतेहपुर हृदय रोग से ग्रसित पुत्र का इलाज करीब नौ वर्ष चला लेकिन उसकी जा
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : हृदय रोग से ग्रसित पुत्र का इलाज करीब नौ वर्ष चला, लेकिन उसकी जान न बची। पुत्री बीमारी के चलते 18 वर्ष की उम्र में दुनिया छोड़ गई। दूसरी बेटी की शादी की, लेकिन पति की मृत्यु के बाद वह भी असहाय हो गई। इस दौरान पति ने बैंकों व साहूकारों से करीब सात-आठ लाख कर्ज ले कर चुका न सके और आत्महत्या कर ली। अब उसकी विधवा और छोटा पुत्र दाने दाने के लिए मोहताज है। इस बीच घर पर लगी आग से पूरी गृहस्थी खाक हो गई। इतना सब कुछ होने के बाद भी उसे कोई सरकारी इमदाद नहीं मिली। ऐसे में दाने-दाने को मोहताज महिला ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु मांगी है।
यह कहानी है गाजीपुर थाना क्षेत्र के खपरैलन पुरवा मजरे बरुहा की मीरा देवी की। मीरा देवी के पति कृष्णचंद्र शुक्ल एक माह पहले कर्ज के बोझ में दबकर अवसाद ग्रसित हो गए और उन्होंने आत्महत्या कर ली। विभिन्न विपदाओं से लड़ते-लड़ते महिला अपने जीवन से ऊब चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास मात्र ढाई बीघे खेती योग्य भूमि है, लेकिन सरकारी मुलाजिमों ने दस बीघे जमीन दिखाकर सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित कर दिया है। आवास, उज्ज्वला योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ उसे नहीं मिल रहा है। घर में आग लगने के बाद भी कोई मदद करने वाला नहीं मिला। राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में कहा है कि ऐसे में इस तरह हर पल दम तोड़ते जीवन को जीने से अच्छा है कि मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करें। अधिवक्ता मणिप्रकाश दुबे व विमर्श संस्था के संतोष द्विवेदी के साथ महिला ने पत्रकारों से अपनी दास्ता बयां की।