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गेहूं का क्षेत्रफल घटा, दलहन-तिलहन फसलों पर जोर

जागरण संवाददाता फतेहपुर खेती-किसानी परवान चढ़े और किसान की स्थिति सुधरे इसके लिए शु

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 07:17 PM (IST)
गेहूं का क्षेत्रफल घटा, दलहन-तिलहन फसलों पर जोर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : खेती-किसानी परवान चढ़े और किसान की स्थिति सुधरे इसके लिए शुक्रवार को रबी फसल की रूपरेखा वर्चुअल मंडलीय गोष्ठी में तय हुई। इस बार गेहूं के क्षेत्रफल में कटौती की गई है, जबकि दलहन व तिलहन फसलों पर फोकस करते हुए बढ़ाया गया। साथ ही खाद, बीज, सिचाई जल जैसी कृषि आवश्यकताओं पर जोर देकर प्रशासन ने इनकी सुविधा से खेती-किसानी को बढ़ाने की रोडमैप तैयार किया है।

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वर्चुअल रबी गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव सहकारिता, प्रमुख सचिव कृषि सहित अन्य विभागों के उच्च अधिकारी सीधे रूबरू हुए। जिले की तरफ से डीएम अपूर्वा दुबे व प्रभारी सीडीओ नवनीत सेहरा ने तैयारियों की जानकारी और कृषि को बेहतर बनाने के लिए कई एक सुझाव रखे। किसानों के लिए कौशांबी के तर्ज पर जिले में भी स्वतंत्र कृषि फीडर संचालित कराने की मांग की। डीएम ने फसल बीमा का बड़ा मुददा उठाया। बताया कि फसल बीमा में ऐसी फसलें नहीं ली जाती है, जो जल प्लावन से बर्बाद हो गईं। इसपर पुन: विचार किया जाए और ऐसी फसलों को भी बीमा का लाभ दिलाया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस पर आश्वासन भी दिया। वर्चुअल गोष्ठी में उप निदेशक कृषि प्रसार राम मिलन, कृषि अधिकारी बृजेश सिंह, सिचाई विभाग के एक्सईएन नंद गोपाल गुप्त, एआर आरएन सिंह, एक्सईएन नलकूप कृष्ण कुमार कुरील आदि मौजूद रहे। जिले के लिए ये मांगें उठाई

-35500 मीट्रिक टन डीएपी खाद जिले को दी जाए।

- बीमा लाभ में जल प्लावन में नष्ट फसलों को शामिल किया जाए।

- स्प्रिंकलर सेट व सोलर पंप का लक्ष्य बढ़ाकर जिले में दिया जाए।

- जिला एलजीसी के टेल में हैं आवंटित पूरा पानी प्रदान किया जाए।

- यमुना किनारे 16 किलोमीटर की पट्टी बुंदेलखंड हालात वाली है, वहां वही लाभ दिए जाएं।

- जिप्सम का लक्ष्य 101 मीट्रिक टन और बढ़ाकर उपलब्धता दी जाए। फसल का ये क्षेत्र फल तय हुआ

फसल का नाम----------पहले ---------------अब------------स्थिति

गेहूं --------------------246374 ---------239874------6500 घटा

चना-------------------26000------------40000--------14000 बढ़ा

जौ-------------------1876---------------3974-----------2098 बढ़ा

राई-सरसों-----------17900-------------22000---------4100 बढ़ा

नोट- उपरोक्त सभी आंकड़े हेक्टेयर में पढ़े जाएं।


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