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कुआं माडल विकसित, गांव-गांव सहेजा जाएगा वर्षा जल

जागरण संवाददाता फतेहपुर जिले में भूगर्भ जल की हालत बेहद खराब है। 13 में से 11 ब्लाक डाक

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 06:19 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 06:19 PM (IST)
कुआं माडल विकसित, गांव-गांव सहेजा जाएगा वर्षा जल

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जिले में भूगर्भ जल की हालत बेहद खराब है। 13 में से 11 ब्लाक डार्क जोन अर्थात भूजल के मामले में कमजोर हैं। इस स्थिति का मुख्य कारण जल का जरूरत से ज्यादा दोहन होना और जल संरक्षण की दिशा में प्रयास न होना है। घटते भूजल स्तर का ही कारण है कि नलकूप व हैंडपंप जवाब दे रहे हैं, और कुएं सूख गए हैं। अब प्रशासन ने वर्षा जल सहेजने का एक नया माडल विकसित किया है। बारिश का पानी सहेजकर सीधे भूगर्भ में पहुंचाए जाएगा। इस सीजन में गांव-गांव 200 कुओं को चिह्नित किया गया है। इनमें वर्ष जल संरक्षित किया जाएगा। जानें, क्या बनाया गया है माडल

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बारिश की हर बूंद सहेजने के लिए प्रशासन ने पुराने कुओं को चिह्नित किया है। ऐसे कुओं की न सिर्फ मरम्मत कराई जाएगी बल्कि उस कुएं में आसपास के दस से 20 घरों की छत का पानी पाइप के सहारे पहुंचाया जाएगा। बारिश का पानी सीधे कुंए में न जाए इसके लिए हर कुएं में एक से दो फिल्टर चेबंर बनाए जाएंगे। छत का पानी पहले इन फिल्टर चेंबरों में आएगा इसके बाद कुएं में जाएगा। कुंए का पानी भूगर्भ में पहुंचेगा। इससे कुंआ भी सुरक्षित होगा और जल संरक्षण भी होगा। एक कुएं में एक लाख तक खर्च

कुओं के संरक्षण के लिए मनरेगा का खजाना खोला गया है। जर्जर कुओं की मरम्मत और आसपास के घरों से फिल्टर चेंबर तक पाइप बिछाने का काम मनरेगा की पूंजी से किया जाएगा। एक कुंए में 70 से एक लाख तक खर्च अनुमन्य है। जिले भर 200 कुओं के लिए इस वर्ष करीब दो करोड़ की पूंजी खर्च करने का खाका तैयार किया गया है। खंड विकास अधिकारी व संबंधित गांव में पंचायत अधिकारी इस काम के मुख्य जिम्मेदार होंगे। शिकायतें भी सुनीं जाएंगी। पूर्वजों का नाम अंकित कर जनजुड़ाव भी

कूप मरम्मत योजना को सफल बनाने के लिए इसमें जन जुड़ाव का भी ख्याल रखा गया है। गांव-गांव बने कुएं कभी न किसी है। अब उन पूर्वजों को सम्मान कुएं में उनका नाम अंकित कर दिया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों में जनजुड़ाव रहेगा और लोग कुओं की देखरेख कर उसकी निगरानी करेंगे। कूप मरम्मत एवं सुंदरीकरण योजना मुख्य रूप से जल संरक्षण का बल देगी। पहले चरण में 200 कुओं में बारिश के पानी को सहेजने का कम किया जाएगा। भिटौरा ब्लाक के दस गांवों में यह काम शुरू हो चुका है। जल्द ही जिले के अन्य गांवों में यह काम शुरू किया जाएगा।

सत्य प्रकाश, सीडीओ


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