रिश्वत लेकर प्रसव कराने का वीडियो वायरल
संवाद सूत्र चौडगरा किसी भी सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने और प्रसूता को 48 घंटे रखने की
संवाद सूत्र चौडगरा: किसी भी सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने और प्रसूता को 48 घंटे रखने की मुफ्त सुविधा शासन से अनुमन्य है। इस दौरान अस्पताल की कैंटीन से ही खाना व स्टोर से दवाएं भी दी जाती हैं। बावजूद इसके गोपालगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां पर 3200 रुपये लेकर प्रसव कराने और छह घंटे में ही प्रसूता को बाहर निकालने का वीडियो वायरल हुआ है। सीएमओ ने इसके लिए एमओआइसी से स्पष्टीकरण तलब किया है।
वायरल वीडियो प्रसूता के देवर ने सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोली है। संभल जिले के नगरा श्याम निवासी नत्थू व उसका भाई मुकेश परिवार समेत गोधरौली गांव स्थिति एक ईट भट्ठे में पथाई का काम करते हैं। नत्थू की पत्नी रजनी को गुरुवार शाम आठ बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो गांव की आशा बहू से संपर्क कर प्रसूता के देवर ने 102 एंबुलेंस बुलाई। भाभी व आशा बहू के साथ यह लोग रात करीब नौ बजे पीएचसी पहुंचे तो स्टाफ नर्स प्रीती ने भर्ती करने से इंकार कर दिया। परिजन गिड़गिड़ाये तो स्टाफ नर्स और आशा बहू ने सुविधा शुल्क की मांग की। पांच हजार की मांग पर प्रसूता के देवर के पास 3200 रुपये ही निकले। इसके बाद नर्स ने बाहर से दवाएं खिली और चिह्नित दुकान से उधार दवाएं दिला दी। सुरक्षित प्रसव होने के बाद भोर पहर तीन बजे प्रसूता व नवजात को अस्पताल से बाहर कर दिया।
जांच कराएंगे और करेंगे कार्रवाई- एमओआइसी
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण द्विवेदी ने कहा कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है। बीती रात स्टाफ नर्स प्रीती ड्यूटी पर थी, डॉक्टर आनकाल थे। डॉक्टर को बिना बुलाए ही स्टाफ नर्स ने डिलेवरी कराई ऐसा वायरस वीडियो से स्पष्ट है। प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई करेंगे। बेहद आपत्तिजनक करेंगे कार्रवाई- सीएमओ
सीएमओ डॉ. एसपी अग्रवाल ने कहा कि सरकारी अस्पताल से ऐसा कृत्य बेहद आपत्तिजनक है। इसके लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से स्पष्टीकरण लेंगे और दोषियों को चिह्नित करेंगे।