हर साल दो हजार गरीब परिवारों को मिलेगी रोजगार की राह
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: देश की 60 फीसद आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है। देश में खुशह
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: देश की 60 फीसद आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है। देश में खुशहाली तभी होगी जब इन लोगों को हुनर मंद बनाकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। जिले में हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम व पावरलूम का अच्छा स्कोप है। यहां के हुनरमंदों को स्वरोजगार की राह मिले इसके लिए बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान जिले के दो हजार युवाओं को प्रति वर्ष न सिर्फ हुनरमंद बनाएगा बल्कि इन्हें बैंक से ऋण दिलाकर उद्यम से जोड़ेगा। यह संकल्प शुक्रवार को थरियांव स्थिति बड़ौदा स्वरोजगार के नव निर्मित भवन के शुभारंभ अवसर पर बैंक अधिकारियों ने लिया।
बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान अभी तक किराए की इमारत में संचालित हो रहा था। गुरुवार को एक भव्य समारोह के जरिए संस्थान की खुद की इमारत का शुभारंभ किया गया। करीब 1.30 करोड़ की लागत से बनकर तैयार इस संस्थान में बेरोजगारों को आवासीय प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया जाएगा। इससे पहले साज-सज्जा के साथ इस इमारत का शुभारंभ बैंक महाप्रबंधक लखनऊ अंचल बीएस ढाका, सदर विधायक विक्रम ¨सह, डीएम कुमार प्रशांत और सीडीओ चांदनी ¨सह ने फीता काटकर इमारत का शुभारंभ किया। महाप्रबंधक ने कहा कि संस्थान केवल प्रशिक्षण ही नहीं देगा बल्कि प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्यम लगाने के लिए बैंक ¨लकेज कराकर उनके उद्यम चलाने में भी सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि आज छोटे-छोटे गांवों से निकलकर लोग महानगरों में कमाई के लिए जाते हैं, लेकिन उनका जीवन स्तर ठीक नहीं है। अब वह अपने हुनर के दम पर घर में पैसे कमाकर खुद का विकास करेंगे। डीएम ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट के तहत चयनित बेड सीट को घर-घर बनाने और इसके लिए बाजार उपलब्ध कराने की बात कही। क्षेत्रीय प्रमुख विमल नेगी, रीजनल हेड सुबोध जयंत, लीड बैंक मैनेजर संजय ¨सह, आरएम कृष्ण कुमार, डीसी स्वत: रोजगार सुखराज बंधु, जिला सूचना अधिकारी वीएन पांडेय समेत अन्य अधिकारी व प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा मौजूद रहे।
स्वत: निर्मित सामग्री के स्टालों ने खींचा ध्यान
-संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अनेक युवाओं ने स्वरोजगार से कदमताल मिलाते हुए गुरुवार को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। युवाओं ने स्वत: निर्मित सामग्री के स्टाल लगाकर अफसरों व आम जनमानस का ध्यान खींचा। अचार, मुरब्बा, कुर्ता-सलवार सूट जैसी सामग्री को देखकर अफसर दंग रह गए।