ट्रेनों की आरक्षित सीटें फुल, वेटिंग में मिला रहा टिकट
जागरण संवाददाता फतेहपुर जनपद से होकर निकलने वाली ट्रेनों की आरक्षित सीटें 15 फरवरी बुक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जनपद से होकर निकलने वाली ट्रेनों की आरक्षित सीटें 15 फरवरी बुक हो चुकी हैं। ऐसे में यात्रियों को वेटिंग में टिकट मिल रही है। जबकि एक्सप्रेस ट्रेनों में आरक्षित सीटें पाने के लिए यात्री सुबह आठ से लेकर रात आठ बजे तक काउंटर पर लाइन लगाए दिख रहे हैं। ऐसे में रोडवेज की सेवा लेने की बात कहते दिख रहे हैं।
रेलवे स्टेशन पर कोरोना संक्रमण की वजह से 23 मार्च 2020 से जनरल टिकट काउंटर बंद कर दिया गया है। इससे आरक्षण केंद्र पर ट्रेनों के जनरल और आरक्षित टिकट बनते हैं। जनपद के रेलवे स्टेशन से प्रयागराज-जयपुर एक्सप्रेस, पुरी, कालका, मूरी, नार्थईस्ट, संगम, देहरादून एक्सप्रेस, पुरुषोत्तम, रीवां, जोधपुर हावड़ा, प्रयागराज एक्सप्रेस के साथ शुक्रवार व बुधवार को मुंबई स्पेशल व लोकमान्य तिलक ट्रेन होकर निकलती हैं। जबकि शनिवार व रविवार को चौरीचौरा का स्टापेज भी मिल रहा है।
लंबी दूरी चेन्नई, मुंबई, देहरादून, दिल्ली, जोधपुर, अहमदाबाद, प्रयागराज, मथुरा, सूरत आदि के यात्री रिजर्वेशन करा रहे हैं। हालत ये है कि प्रतिदिन 150 के आसपास ही लंबी दूरी के रिजर्वेशन टिकट बन रहे हैं, लेकिन उन्हें वेटिग में टिकट मिल रहे हैं। कालका का नाम अब नेताजी एक्सप्रेस
हावड़ा से कालका तक चलने वाली कालका एक्सप्रेस का नाम रेलवे बोर्ड ने बदल दिया है। आरक्षण केंद्र पर्यवेक्षक योगेंद्र राय ने बताया कि गुरुवार से ही कालका एक्सप्रेस का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस कर दिया गया है। इसी तरह आनंद बिहार-कामाख्या स्पेशल ट्रेन अब प्रतिदिन चलेगी। वहीं, सभी ट्रेनों में 15 फरवरी तक आरक्षित सीटें फुल हो चुकी हैं।
जयपुर जाने के लिए वह चार दिनों से कंफर्म सीट के लिए आरक्षण केंद्र आया था। कंफर्म सीट नहीं मिली जिस पर वह रोडवेज बस से सफर करेंगे।
सुशील कुमार। तमिलनाडु के चेन्नई जाने के लिए रिजर्वेशन कराने के लिए सात दिन से परेशान थे। इसलिए अब रिजर्वेशन करवा लिया है, फरवरी की तिथि मिली है।
- रमेश कुमार। महाराष्ट्र के पूना का टिकट आरक्षित कराया है, लेकिन जनवरी माह में टिकट कंफर्म होने के आसार नहीं है। इसलिए अगले माह जाने का कार्यक्रम बनाया है।
- श्रवण कुमार।
जोधपुर जाने के लिए रिजर्वेशन कराने आए थे, लेकिन सीटें फुल थी और वेटिग मिल रही थी।इसलिए बस सेवा का सहारा ले रहे हैं।
-संत भरतगिरि।