टिमटिमाते लौ से मिली एकता, शांति व एकांत की ताकत
आ जाने से दहशत जागरण संवाददाता फतेहपुर पड़ोस के बांदा कानपुर व प्रयागराज में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से प्रशासन जिले को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क हो गया है। सीमाओं को पूरी तरह से सील कर हर निकलने वाले की जांच कराने के लिए टीमें लगा दी है। तीस लाख की आबादी वाले जनपद में हर कोई जिले के सुरक्षित रहने की दुआ कर रहा है। घरों में ही पूजा-अर्चना लोग इस वैश्विक महामारी से बचाने की प्रार्थना कर रहे है। अब तक जिले में मात्र दो संदिग्ध लोग ही मिले थे जांच में दोनो की रिपोर्ट निगेटिव आने से स्वास्थ्य विभाग राहत की सांस ले रहा है। दिल्ली के निजामुद्दीन तब्लीगी जमातियों से कोरेाना संक्रमण के बढ़े दायरे ने हर किसी की चिता बढ़ा दी है। जिले में भी तब्लीगी जमात में शामिल हुए ग्यारह लोगों के नाम बिना पते के प्रशासन को मिले तो खोजबीन शुरू हो गई है। हलांकि चार दिन बिाद भी किसी का पता नहीं चला लेकिन गांव व मजरों में जागरूकता के दम पर कोरो
जागरण टीम, फतेहपुर : कोरोना संक्रमण के संकट से जूझ रही जनता को रविवार की रात नौ बजे टिमटिमाते दीप के लौ से बड़ा संदेश मिला। हवा के झोकों में इतराती लौ एकता, शांति व एकांत का पाठ पढ़ाते दिखे। शहर कस्बों में नहीं गांव व मजरों तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर अंधेरा में प्रकाश कर कोरोना की जंग जीतने का जुनून रहा। घरों की बालकनी से लेकर मुंडेर-मुंडेर सजी दीप मालिकाओं से हौसले की दीवाली घर-घर मनी। शहर के मुस्लिम बाहुल्य आबादी लाला बाजार, पनी, वर्मा चौराहा आदि में कई परिवारों ने छतों में मोमबत्ती, दीपक व टार्च की रोशनी कर गंगा-यमुनी संस्कृति को मजबूत किया।
रामनवमी के दिन प्रधानमंत्री ने देश को दिए संदेश में रविवार की रात नौ बजे नौ मिनट के लिए लाइटें बुझाकर दीपक, टार्च व मोबाइल के फ्लैस लाइट जलाकर रोशनी करने की अपील की थी। सुबह से इस अभियान को एक ताकत के रूप में दिखाने के लिए घरों में तैयारियां शुरू हो गई थी। जैसे की घड़ी की सुई नौ के अंक में पहुंची लोगों ने घर की लाइटें बंद कर दिया। ऐसा लगा कि पूरा शहर में अंधेरे में डूबा है, इसी साथ दीपक व टार्च, मोमबत्ती व मोबाइल के फ्लैस एक साथ जल उठे तो हौसले की दीवाली से घर-द्वार जगमगाने लगे। विधायक विक्रम सिंह, करण सिंह पटेल, कृष्णा पासवान सहित डीएम संजीव कुमार, एसपी प्रशांत वर्मा ने बंगले में दीपक जलाया। शहर के सिविल लाइन, देवीगंज, आबूनगर, कलक्टरगंज, हरिहरगंज, शादीपुर, राधानगर आदि इलाके टिमटिमाती रोशनी के बीच लोगों में गजब का उत्साह दिखा। छतों में जाकर लोग इस अछ्वुत नजारे का निहारते रहे। बिदकी, खागा, जहानाबाद, किशुनपुर, बहुआ, हथगाम, हुसेनगंज, गाजीपुर, छिवलहा, समेत सभी छोटे-बड़े गांव प्रकाश पुंज से सराबोर हो गए।
बच्चों व महिलाओं ने दिखा उत्साह
कोरोना की जंग जीतने की दीवाली में बच्चों व महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। घरों में रंगोली बनाकर महिलाओं ने नौ देवी व नौ गृहों के नाम के दीपक जलाकर वैश्विक महामारी मिटाने की प्रार्थना की। थाली में दीपों का सजा थाल लेकर महिलाएं मुख्य द्वार को दीपक की लौ से सजाया। सभी यही कहते रहे प्रधानमंत्री के इस प्रयोग से सभी को नई ताकत मिलेगी।
दीपदान के फायदे
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. सुधीर रंजन कहते हैं कि वैदिक काल से ही दीपक का महत्व रहा है। आयुर्वेद में भी इसे बेहतर बताया है। दीपक जलाने से जिस प्रकार जीवन का अंधकार मिटकर प्रकाश फैलता है उसी प्रकार दीपक जलाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती है।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. बच्चा महाराज ने कहा कि दीपक जलाना सदा से ही सकारात्मक रहा है। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। देवी महाशक्ति का स्वरूप हैं, उनके नाम से दीपक जल रहे हैं, इससे महाकाली प्रसन्न होंगी और यह कोरोना के रूप में फैली महामारी दूर हो जाएगी। दीपक जलाने से इंसान का आत्मबल बढ़ता है, नकारात्मक शक्तियां खत्म होती है।