गुजरात मॉडल पर दिखेंगे शहर के चौराहे
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शहर की सड़कों में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के साथ प्रशास
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शहर की सड़कों में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के साथ प्रशासन ने शहर को गुजरात मॉडल के तर्ज पर विकसित करने की तैयारी भी शुरू कर दी है, खास बात यह है कि सुंदरीकरण के होने जा रहे छोटे-छोटे कामों के लिए सरकार से किसी तरह का बजट नहीं लिया जाएगा, बल्कि यह सुंदरीकरण जनता के सहयोग से होगा। तैयार डिजाइन ने यदि मूर्त रुप लिया तो वह दिन दूर नहीं जब शहर की सड़कों से लेकर चौराहों तक उन महापुरुषों का अश्क दिखेगा जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया।
वर्तमान में शहर के बुलेट चौराहा, पत्थरकटा चौराहा, शादीपुर चौराहा, आइटीआइ रोड, वर्मा तिराहा, ज्वालागंज, बाकरगंज, समेत अनेक सड़कों में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। नतीजमन खाली सड़कें चौड़ी दिखाई देने लगीं। जिला प्रशासन ने अस्पताल तिराहे को आयुर्वेद चिकित्सा के जनक महर्षि चरक चौराहे का नाम दिया है, जबकि ज्वालागंज को राजा धंगदेव, बाकरगंज तिराहे को डिप्टी कलेक्टर हिकमत उल्ला, वर्मा तिराहे को राष्ट्रकवि सोहन लाल द्विवेदी तिराहे का नाम दिया है। सुंदरीकरण में हर तिराहे व चौराहे पर दस लाख रुपये के आसपास खर्च कर सुंदर बनाने की योजना है। इन चौराहों व तिराहों में सड़क किनारे ग्रिल लगाकर बीच में मूर्तियां रखने की योजना है। चौराहे व तिराहे से जानी वाली सड़कों यातायात के नियम व सड़कों में रेडियम पेंट कराया जाएगा। इसके अलावा जिला प्रशासन ने अतिक्रमण से खाली हुई सड़कों में पैदल घूमने के लिए फुटपाथ विकसित करने की रणनीति बनाई है।
लखनऊ के वास्तुकार ने तैयार की डिजाइन
फतेहपुर: शहर के नया लुक देने के लिए लखनऊ के वास्तुकार से डिजाइन बनवाई गई है। यह डिजाइन गुजरात शहर की मौजूदा बसावट की हू-बहू नकल है। सड़कों के किनारे एक ही तरह के पौधे व फूल लगाने के साथ बिजली के पोलों को सड़क के बीचों बीच लाया जाएगा। इसके अलावा जगह-जगह टायलेट व प्रतीक्षालय बनेंगे जबकि पैदल फुटपाथ में एक एक किलोमीटर की दूरी में सीमेंट की बेंच बनाई जाएंगी।
बाइपास में बनेगा एजूकेशन पार्क
-प्रशासन की तैयार योजना में आइटीआइ और बाईपास ऐसी दो जगहें हैं जिनको एजूकेशन पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें शिक्षा प्रति योगदान करने वाले महान लोगों की जीवनी लिखने के साथ ज्योमिती, त्रिकोणमिती, व अविष्कारों के साथ ही उनका इतिहास लिखा जाएगा हो भविष्य के पीढ़ी के लिए जानने व समझने के लिए बहुत ही शानदार होगा।
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शहर को सुंदर बनाने की कार्ययोजना तैयार है, इसके सुंदरीकरण में फिलहाल हम शासन से कोई बजट नहीं ले रहे है बल्कि जन सहयोग से यह कार्य कराए जाने हैं। एक चौराहे के सुंदरीकरण में औसतन दस लाख का खर्च आ रहा है। हमारा प्रयास है कि चौराहों में उन महापुरुषों की मूर्तियां लगें, जिनका योगदान जिले व समाज के लिए रहा है।
आंजनेय कुमार डीएम