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तीन थानों में नहीं लगे कैमरा, कई में अभी भी पड़े हैं खराब

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : खाकी जनता के साथ मानवीय व्यवहार करे और गलत आचरण के आरोप

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 11:00 PM (IST)
तीन थानों में नहीं लगे कैमरा, कई में अभी भी पड़े हैं खराब

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : खाकी जनता के साथ मानवीय व्यवहार करे और गलत आचरण के आरोपों में घिरने के बाद वीडियो रिकार्डिंग मामले की गवाही दे सके इसके लिए थानों को सीसीटीवी कैमरे से लैस किए जाने का आदेश दिया गया था। तीन साल पहले सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश तत्कालीन डीजीपी ने दिया था। डीजीपी के आदेश के अनुपालन की पड़ताल करें तो जिले के 20 थानों में तीन थानों में कैमरे ही नहीं लग पाए हैं जबकि तीन थानों में सीसीटीवी कैमरे बीमार चल रहे हैं। लंबे समय से विभाग की उदासीनता का शिकार हैं।

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जिले में संचालित होने वाले थानों की गतिविधियों को सीसीटीवी कैमरे में कैद करने के लिए योजना बनाई गई थी। आदेश के अनुपालन में काम भी हुआ लेकिन मलवां, औंग, धाता कस्बों के थानों को सीसीटीवी कैमरे से लैस करने की सुधि नहीं रही। पुलिस अधीक्षक से लेकर थानेदार आते जाते रहे लेकिन किसी ने शासनादेश के अनुपालन की सुधि तक नहीं ली। वहीं बकेवर थाने के कुढ़नी रोड में लगा जाफरगंज और चांदपुर थाने का सीसीटीवी कैमरा चालू हालत में नहीं है। थानों को लैस किए जाने को लेकर कोर्ट ने मामला संज्ञान में लिया है। कोर्ट ने शासन से पूछा है कि सूबे में कितने थाने सीसीटीवी कैमरे से लैस किए हैं। वहीं अब मानना है कि जल्द की थानों की सीसीटीवी कैमरे संचालित भी हो जाएंगे।

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क्या बोले जिम्मेदार

- थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का आदेश शासन से पूर्व में दिया जा चुका है। जिले में इनकी क्या दशा है इसकी पड़ताल की जाएगी। जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं वहां एक सप्ताह के अंदर लगवा दिया जाएगा। इसके साथ ही जहां पर तकनीकी खराबी के चलते सीसीटीवी कैमरे खराब हैं उनको दुरुस्त करवा दिया जाएगा। राहुलराज, पुलिस अधीक्षक

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पुलिस के आचरण सुधारने का था कदम

शासन और अफसरों की मंशा है पुलिस जनता के साथ मित्र बनकर दायित्व निर्वहन करे। इसके लिए समय समय पर अधिकारी पाठ भी पढ़ाया करते हैं। समय आने पर पता चलता है कि अधिकारियों के द्वारा पढ़ाए गए इस पाठ से मातहतों को कोई सरोकार नहीं है। पुलिस की बर्बरता पूर्ण पिटाई, थानों से फरियादियों को न भगाया जाए उनके मामले सुने जाए एवं एफआइआर दर्ज की जाए, गणमान्य लोगों से मानवीय व्यवहार किया जाए के आदेश हवा में तैरते नजर आते हैं। लोग थानों के चक्कर लगाकर थक जाने का आरोप लगते रहते हैं।


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