Move to Jagran APP

सड़कों पर तकनीकी खामी बनती जान की दुश्मन

जागरण संवाददाता फतेहपुर प्रयागराज-कानपुर हाईवे में कोहरे की धुंध से होने वाले हादसों के प्रति न तो चालक की संजीदा हैं और न ही प्रशासन ने हादसों को रोकने के लिए कोई खास कदम उठाए हैं। हाईवे में बिना रेडियम पेंट पट्टी के डिवाइडर की शुरुआत और अंत कहां है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है क्योंकि हाईवे में कई जगह ऐसे हैं जहां पर सफेद-काले पेंट के साथ संकेतक भी उखड़कर गायब हो चुके हैं जहां कोहरे की धुंध में हर वक्त चालकों पर खतरा मंडराता रहता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 11:17 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:07 AM (IST)
सड़कों पर तकनीकी खामी बनती जान की दुश्मन

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सड़कों की तकनीकी खामी की वजह से प्रतिदिन सड़कें लाल होती हैं। विशेषकर कोहरे व धुंध में तो राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलना खतरनाक साबित होता है। मार्ग निर्माण में ही कुछ ऐसी तकनीकी कमियां रह जाती हैं, जो दुर्घटनाओं की वजह बनती हैं। प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर कई ऐसे प्वाइंट हैं, जहां पर सड़क की तकनीकी खामी के चलते आए दिन हादसे होते हैं। मार्ग निर्माण में सुरक्षा मानक की अनदेखी जानलेवा साबित होती है। हाईवे में बिना रेडियम पेंट पट्टी के डिवाइडर की शुरुआत और अंत कहां है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है क्योंकि हाईवे में कई जगह ऐसे हैं जहां पर सफेद-काले पेंट के साथ संकेतक भी उखड़कर गायब हो चुके हैं जहां कोहरे की धुंध में हर वक्त चालकों पर खतरा मंडराता रहता है। हाईवे को दो भागों में बांटने वाले डिवाइडर में स्ट्रीट लाइटें तो लगी हैं लेकिन और स्ट्रीट लाइट लगवाने की मांग की गई है ताकि वाहन चालकों को कोहरे की धुंध स्पष्ट रूप से दिख सके और हादसों पर अंकुश लग सके।

loksabha election banner

जिले के हाईवे की सड़क के मध्य से दोनो ओर 220 फिट की दूरी पर मकान निर्माण की परमीशन नहीं है। प्रयागराज-कानपुर हाईवे में कटोघन व बड़ौरा दो बड़े टोल प्लाजा है जहां पर गाड़ी चालकों से टोल वसूला जाता है लेकिन हाईवे के अफसर उतनी सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। डिवाइडर के दोनो तरफ सफेद व काले रंग का पेंट भी वाहनों की आवाजाही में धुंए, धूल मिट्टी और बारिश की वजह से मिट चुका है।जिसकी वजह से अंधेरो होने के बाद हाईवे पर वाहनों चालकों को सड़क का सही अंदाजा नहीं लग पाता। अधिकतर जगहों से संकेतक बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। सुविधा के लिए ग्रामीणों ने डिवाइडर को बीच से काटकर हाईवे को लिक रोड बना दिए हैं जो गांवों तक के रास्तों को जोड़ रही है। कुंवरपुर-बिदकी मार्ग, बरौरा, जैनपुर, सरांय खरगू, चितौरा, कोराईं, देवमई, औंग, मौहार, गुधरौली, छिवली, गुधरौली, कंसपुर गुगौली, गोविदपुर, संवत, महिचा, नकसारा, मझटेनी, टेनी, भोगलपुर, खासमऊ, त्योंजा, दयालपुर, सुजानीपुर, कटोघन, इस्कुरी, बुदवन, वनपुरवा आदि ऐसे गांव हैं जहां हाईवे के डिवाइडर को बीच से काटकर लिक रोड बना दिए गए हैं। हाईवे में डिवाइडर के आस पास जगह जगह बोल्डर रखे हुए हैं जो कोहरे में यमूदत बने हुए हैं।

-------------

इनसेट -

सुरक्षा के लिए बनाए गए स्पीड ब्रेकर

नेशनल हाईवे व राजमार्ग में स्पीड ब्रेकर का नियम नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से जिला यातायात सुरक्षा समिति जब अनुमोदन कर देती है तो खतरनाक जगहों पर ब्रेकर बनवाया जाता है जिसमें सफेद व पीला पेंट लगाया जाता है। इंडियन रोड कांग्रेस गाइड लाइन के अनुसार चार इंच ऊंचाई और ब्रेकर के दोनो ओर दो-दो मीटर स्लोप दिया जाए। ताकि बगैर झटका खाए वाहन निकल पाए। 6 से 8 इंच ऊंचाई वाले व बगैर स्लैप के ब्रेकर नहीं होने चाहिए। स्पीड ब्रेकर के पहले चेतावनी चिह्न होने चाहिए। जिसमें दिन व रात में चालकों को नजर आ जाए लेकिन ग्रामीण अपनी मर्जी से बनवा लेते हैं।

-------------

इनसेट -

एक्सीडेंट होने पर हाईवे क्रेन व एंबुलेंस

फतेहपुर : हाईवे मार्ग नियंत्रक अधिकारी उमेश शर्मा ने बताया कि कोहरे की धुंध में यदि मार्ग दुर्घटना की घटनाएं होती हैं तो बड़ौरी व कटोघन टोल में एक-एक क्रेन व एक-एक एंबुलेंस खड़ी रहती है जो सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत पहुंचती है। इसके अलावा यदि कोई बड़ा हादसा हुआ तो दो हाइड्रा मशीन व जेसीबी भी है। उसके साथ ही दो पेट्रोलिग गश्ती वाहन बोलेरो भी है जो हाईवे में गश्ती करती हैं। उनकी टीम मौके पर पहुंचकर घायलों को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाती है। एआरटीओ अभिषेक कनौजिया व जिला यातायात प्रभारी आशीष सिंह का कहना था कि जहां ग्रामीणों ने गलत तरीके से डिवाइडर काटकर गांवों तक लिक रोड जोड़ रखा है, ऐसे डायवर्जन को बंद कराया जाएगा। ट्रैफिक प्रभारी ने चालकों को कोहरे में चलने के कुछ टिप्स भी दिए।

-------------

डिब्बी -

हाईवे से ब्रेकर हटाए जाएंगे

- 'हाईवे में अवैध तरीके से जो ब्रेकर बनाए गए हैं उन्हें अतिशीघ्र हटवाकर रंबर स्ट्रिक बनाया जा रहा है। हाईवे की सड़क पर जो लेन मार्किंग काला-सफेद पेंट मिट गया है, वहां दोबारा पेंट कराया जाएगा। जहां जहां अवैध तरीके से डिवाइडर बना दिए गए हैं या फिर डिवाइडर को काटकर जहां जहां कट बनाए गए हैं, उसे हटवाकर सही कराया जाएगा।'

- पुरुषोत्तम नाथ चौधरी, परियोजना निदेशक एनएचएआई

-------------

डिब्बी -

कोहरे में ड्राइविग के लिए ट्रैफिक पुलिस की राय -

- वाहन चालकों की सहूलियत के लिए सड़कों के किनारे पीली ईंट लगाई जाती है, चालकों को इस पर अमल करना चाहिए।

- हादसो से बचने के लिए सामने वाली गाड़ी से दूरी बनाकर रखना जरूरी है क्योंकि कोहरे की वजह से सड़के गीली हो जाती हैं इसलिए ब्रेक मारने में दिक्कत आ जाती है।

- फॉग लाइट धुंध काटने में मददगार होता है और रेडियम युक्त रिफलेक्टर टेप भी गाड़ियों में अवश्य लगना चाहिए।

- अगर विजिबिलिटी बेहद कम है तो कोशिश करें की गाड़ी सड़कों पर बनी सफेद लाइन के सहारे चलाएं।

- कोहरा घना हो तो गाड़ियों को लाइन में ही चलाने का प्रयास करें। सड़क के बाएं किनारे को देखकर गाड़ी चलाएं। इस तरह बिना किसी भटकाव के गाड़ी चलती रहेगी।

- लो बीम पर गाड़ी हेड लाइट रखनी चाहिए। ऐसा करने से चालकों को देखने में आसानी होगी और सामने वाले को भी गाड़ी की सही स्थिति का पता चलेगा।

- गाड़ी चलाते समय वाहनों के इंडीकेटर पर ध्यान रखना जरूरी है। गाड़ी मोड़ने से पहले इंडिकेटर देना शुरू कर देना चाहिए। ऐन मोड़ पर इंडिकेटर नहीं देना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.